झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

Jharkhand Teacher Recruitment 2023: बीजेपी ने मुख्यमंत्री को बताया ठगों का सरदार, पूछा- किस स्थानीय और नियोजन नीति पर हो रही है नियुक्तियां - विधायक भानु प्रताप शाही

झारखंड में 26000 शिक्षकों की बहाली निकली है. इसे लेकर राज्य में राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी ने सरकार पर युवाओं को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया है. यह बहाली के लिए नियोजन और स्थानीय नीति का आधार क्या है, बीजेपी ने इस बारे में सरकार से सवाल पूछा है.

Jharkhand Teacher Recruitment 2023
Jharkhand Teacher Recruitment 2023

By

Published : Jul 20, 2023, 4:10 PM IST

भानु प्रताप शाही, विधायक, भाजपा

रांची: झारखंड में पहली बार शिक्षकों के 26 हजार पदों के लिए निकाले गए विज्ञापन पर सियासत शुरू हो गई है. प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह विज्ञापन किस नियोजन और स्थानीय नीति के आधार पर निकाली गई है, उसे सरकार को स्पष्ट करना चाहिए.

यह भी पढ़ें:Bumper Vacancy in Jharkhand: झारखंड में शिक्षकों की निकली बंपर बहाली, इस तारीख से करें आवेदन

बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस विज्ञापन में कई बातें भ्रामक हैं, जिस वजह से राज्य के युवा एक बार फिर दिग्भ्रमित होने वाले हैं. वर्तमान सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में राज्य के पारा शिक्षकों को नियमित करने की बात कही थी. मगर, बदले में सरकार ने उनका नाम बदलकर सहायक अध्यापक करने का काम किया है.

ठगों के सरदार हैं मुख्यमंत्री-भानु प्रताप:बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही ने मुख्यमंत्री को ठगों का सरदार बताते हुए पूछा है कि ये जो 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने जा रहे हैं वो किस स्थानीय और नियोजन नीति के आधार पर है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा 1932 आधारित स्थानीय नीति को मुद्दा बताए जाने की आलोचना करते हुए भानु प्रताप शाही ने कहा कि यह झारखंड मुक्ति मोर्चा और मुख्यमंत्री के लिए सिर्फ मुद्दा है ना कि संकल्प. मुख्यमंत्री के इस बयान से राज्य की जनता यह जान चुकी है. ऐसे में मुख्यमंत्री या सरकार के किसी प्रवक्ता को बताना चाहिए कि किस स्थानीय नीति के आधार पर यह नियुक्ति शुरू हुई है.

बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि विज्ञापन में टेट पास अभ्यर्थियों को मौका दिया गया है. मगर, झारखंड में 2016 के बाद अब तक कोई भी टेट की परीक्षा आयोजित नहीं की गई है. 2019 में एक नियम बनाया गया था कि प्रत्येक वर्ष टेट परीक्षा आयोजित किया जाएगा, लेकिन सरकार इसे कराने में असफल रही. इन सबके बीच B.ed करने वाले राज्य में करीब 8 लाख विद्यार्थी हैं, उनका क्या होगा? सरकार को इस पर भी सोचना चाहिए था.

शिक्षक नियुक्ति विज्ञापन में महिलाओं की उपेक्षा:शिक्षक नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापन में महिलाओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों के लिए सरकार ने पद आरक्षित कर उन्हें परीक्षा में बैठने के लिए विवश किया है. मगर, महिलाओं के लिए कोई खास प्रावधान शिक्षक भर्ती में नहीं किया गया है, जबकि 50 फीसदी पद महिलाओं के लिए आरक्षित होना चाहिए था. शिक्षकों की इस भर्ती में टेट पास अभ्यर्थी शामिल होंगे, मगर टेट पास वैसे अभ्यर्थियों का क्या होगा, जो उस समय निकाले गए विभिन्न भाषाओं में पास हुए थे, जिसका हेमंत सरकार ने बाद में मान्यता समाप्त कर दिया है. भानु प्रताप शाही ने कहा कि इस नियुक्ति प्रक्रिया में एक बार फिर बाहर के लोगों को लाभ मिलेगा और यहां के युवा ठगे जायेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details