रांची: झारखंड बीजेपी विधायक दल का नेता कौन होगा, इस पर सस्पेंस बरकरार है. गुरुवार शाम विधानसभा मानसून सत्र को लेकर भाजपा विधायक दल की हुई बैठक में एकमत नहीं होने की वजह से विधायक दल के नेता का चयन का मामला उलझता रहा. बैठक के दौरान बदले हुए माहौल को देखते हुए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में बैठक में शामिल भारत सरकार के मंत्री अश्विनी चौबे ने बंद कमरे में हर विधायकों से राय जानना ही उचित समझा.
भाजपा विधायक दल के नेता पर सस्पेंस बरकरार, बैठक में नहीं बनी सहमति, अब केंद्रीय नेतृत्व लेगा फैसला - भाजपा विधायक दल की बैठक
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले भाजपा विधायक दल की बैठक हुई. इस बैठक में सभी की निगाहें इस पर थी कि बीजेपी विधायक दल का नेता किसे चुना जाता है. बैठक में इसे लेकर काफी मंत्रणा और विचार विमर्श हुआ.
भाजपा विधायकों ने बारी-बारी से अश्विनी चौबे के सामने विधायक दल के नेता का नाम रखा. देर शाम तक भाजपा प्रदेश कार्यालय में विधायकों से राय जानने के बाद पूरी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेजने का निर्णय लिया गया. पार्टी के मुख्य सचेतक विधायक बिरंची नारायण ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा जो फैसला लिया जाएगा. उसे सभी स्वीकार करेंगे. अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार, अनंत ओझा, बिरंची नारायण, सीपी सिंह, जेपी पटेल भाजपा विधायक दल के नेता बनने के रेस में आगे चल रहे हैं.
विधि व्यवस्था और नियोजन नीति पर सरकार को घेरेगी बीजेपी:भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में हुई विधायक दल की बैठक में मानसून सत्र के दौरान सदन में विधि व्यवस्था और नियोजन नीति के मुद्दे पर सरकार को घेरने का निर्णय लिया गया है. भाजपा प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र, संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह की मौजूदगी में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में विधायकों ने सरकार को सदन में घेरने का निर्णय लिया है.
अपराध के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार-बीजेपी: राज्य में गिरती विधि व्यवस्था के खिलाफ सदन के अंदर जोरदार ढंग से इस मुद्दा को उठाने की तैयारी में जुटी बीजेपी ने राज्य में हो रही संगठित अपराध के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार माना है. पार्टी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण का मानना है कि अधिकांश घटना जमीन से जुड़ा हुए मामले में हो रहा है और इसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री हैं. इसके अलावा बीजेपी ने नियोजन नीति के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी की है. राज्य सरकार के द्वारा हाल में निकाली गई 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति किस नियोजन नीति के तहत की जा रही है, इस पर भाजपा ने सरकार से सदन में सवाल पूछने की तैयारी की है.