भाजपा विधायक दल के नेता को लेकर नेताओं के बयान रांची: झारखंड में बाबूलाल मरांडी को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष के बाद अब अमर बाउरी और जेपी पटेल को विधायक दल का नेता और सचेतक बनाये जाने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. झामुमो और कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जिस तरह से बीजेपी में उधार लेने वालों को तरजीह दी जा रही है, वास्तव में यह पार्टी विद डिफरेंस ही ऐसा कर सकती है.
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झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि उनकी चिंता सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा जैसे समर्पित भाजपा नेताओं को लेकर है, जिन्हें अब दूसरे दलों से आयातित नेताओं के अंडर रहकर संगठन से लेकर सदन तक की राजनीति करनी होगी. वहीं कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने भाजपा विधायक दल के नये नेता अमर बाउरी और सचेतक जेपी भाई पटेल को बधाई देते हुए कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को अपने लोगों पर भरोसा नहीं है. वहीं इन नेताओं के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पलटवार किया है.
उधार के सिंदूर से सुहागन बनने जैसा है भाजपा नेतृत्व का निर्णय-झामुमो:झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि जो लोग पांच साल तक दूसरे दलों के नेता के रूप में काम कर रहे थे. वर्षों पहले जो लोग मोदी को पानी पी-पीकर गाली देते थे, उन्हें आज महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिल गई हैं. जबकि सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, अनंत ओझा जैसे समर्पित विधायक हाशिये पर हैं. जेएमएम नेता ने कहा कि ये नेता उधार का सिन्दूर हैं, जिसकी दुल्हन बीजेपी बनना चाहती है. उन्हें यह भी सोचना चाहिए कि वे कब तक बीजेपी के साथ रहेंगे. अगर विधायक हमारा नहीं हुआ तो बीजेपी का क्या होगा?
अपने नेताओं पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को नहीं रहा भरोसा-कांग्रेस:वहीं कांग्रेस महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि झारखंड में संगठन के बेहद करीबी माने जाने वाले वरिष्ठ बीजेपी विधायक सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, रामचंद्र चंद्रवंशी और विधायक अनंत ओझा पर भी बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी सहानुभूति सीपी सिंह जैसे नेताओं के साथ है. जो हमेशा अपनी पार्टी के प्रति समर्पित रहे हैं.
बाबूलाल मरांडी का पलटवार:जेएमएम और कांग्रेस नेताओं की ओर से उठाए जा रहे सवालों के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मीडिया को शकुनि की भूमिका नहीं निभाने की सलाह दी है. बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मीडियाकर्मियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पार्टी में नये और पुराने नेताओं के बीच कोई भेदभाव नहीं है. बाबूलाल मरांडी की पैदाइश ही बीजेपी में हुई है, वैसे ही अमर कुमार बाउरी भी हैं.
क्यों झामुमो-कांग्रेस के नेता कस रहे हैं तंज:पहले बाबूलाल मरांडी को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बनाने के बाद अब अमर बाउरी को विधायक दल का नेता और जेपी पटेल को सचेतक बनाया गया है. ये तीन नेता थे दूसरी पार्टियों में थे. बाबूलाल मरांडी ने अलग पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (प्रा) बनाई थी और 14 साल से बीजेपी के खिलाफ राजनीति कर रहे थे. 2014 का विधानसभा चुनाव अमर बाउरी जेवीएम के टिकट पर जीत कर विधायक बने और फिर बीजेपी में शामिल हो गये थे. सचेतक बनाए गए जयप्रकाश भाई पटेल झामुमो के वरिष्ठ नेता टेकलाल महतो के पुत्र हैं. अपने पिता की मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर वह विधायक बने. फिर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी पहली सरकार में उन्हें पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री बनाया गया. लेकिन फिर वह लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान बीजेपी में शामिल हो गए.