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झारखंड में बिजली संकट पर राजनीति तेज, सत्ताधारी दल के नेताओं ने केंद्र सरकार को कोसा तो भाजपा की ओर से आया ये जवाब

झारखंड में बिजली संकट पर राजनीति तेज है. झारखंड सरकार के मंत्री इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं भाजपा की ओर से इसे लेकर पलटवार किया गया है.

power crisis in Jharkhand
power crisis in Jharkhand

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 6, 2023, 5:15 PM IST

नेताओं के बयान

रांची: झारखंड में पिछले कई दिनों से गंभीर बिजली संकट व्याप्त है. राज्य के दूरदराज के जिलों की बात छोड़िए, राजधानी रांची के अलग-अलग इलाकों में लोड शेडिंग की जा रही है. यहां तक की कई इलाकों में तो आधी रात में भी घंटों बिजली ना रहना आम हो गया है. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री और ऊर्जा विभाग के प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम ने राज्य में बिजली संकट के लिए केंद्र की सरकार को जिम्मेवार ठहराया है.

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उन्होंने कहा कि केंद्रीय पूल से हमें पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है. मांग के अनुपात में 500-600 मेगावाट कम बिजली आपूर्ति की वजह से लोड शेडिंग की जा रही है. मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि उनकी सरकार को केंद्र सरकार के भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने राज्य के लोगों को निर्बाध बिजली देने में सरकार को अक्षम बताया. उन्होंने कहा कि क्या 2019 में ये लोग भाजपा के भरोसे बड़े-बड़े दावे कर राज्य की सत्ता में आये थे.

राज्य में 500-600 मेगावाट कम बिजली की आपूर्ति: राज्य में औसतन 2700 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है. लेकिन इन दिनों कुल मिलाकर 2100-2200 मेगावाट बिजली की ही उपलब्धता संभव हो पा रही है. ऐसे में बिजली की मांग और आपूर्ति में अंतर की वजह से लोड शेडिंग की जा रही है. राजधानी के साथ-साथ अन्य जिलों में भी निर्बाध बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है.

केंद्र सरकार का झारखंड के साथ सौतेलापन व्यवहार-आलमगीर आलम:राज्य के मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम ने कहा कि केंद्र की सरकार कैसा सौतेलापन का व्यवहार झारखंड के साथ कर रही है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब महागठबंधन की सरकार सत्ता में आयी तो पूर्व की सरकार के बकाए बिजली बिल की राशि भी हमारे वेलफेयर स्कीम के पैसे से काट दिए गए. 2014 से 2019 तक राज्य में जब डबल इंजन की सरकार थी, तब कभी बिजली आपूर्ति कम नहीं की गई और ना ही कभी बकाए पैसे के लिए आपूर्ति बाधित की गयी. उन्होंने कहा कि आज हमें पर्याप्त बिजली नहीं दी जा रही है और NOC के बिना हम बाहर से अपने स्तर से बिजली भी खरीद नहीं सकते.

लचर बिजली व्यवस्था के लिए दूसरे पर दोषारोपण नहीं करें मंत्री- प्रदीप सिन्हा: राजधानी सहित राज्यभर में निर्बाध बिजली आपूर्ति देने में हेमंत सोरेन की सरकार को नाकाम बताते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि अपनी कमियों का दोषारोपण हेमंत सरकार दूसरे पर थोपना चाहती है. राज्य सरकार पहले अपने संसाधनों का इस्तेमाल करे. उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल दलों के नेताओं को रोना धोना नहीं करना चाहिये. उन्होंने कहा कि जब 2019 में राज्य की जनता ने महागठबंधन को 50 के करीब सीटें दी थी, तब क्या उन्होंने भाजपा के भरोसे सत्ता संभाला था. पहले भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में व्याप्त बिजली संकट को लेकर यह कह चुके हैं कि अगर हेमंत सोरेन से सरकार नहीं संभल रहा तो वह सत्ता छोड़ दें.

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