रांची: झारखंड कांग्रेस अपने पुराने नेताओं का सम्मान करने के लिए एक अभियान चलाने की योजना बना रही है. 'आ अब लौट चलें' अभियान के बाद झारखंड कांग्रेस का बुजुर्ग कांग्रेसजनों को सम्मानित करने का यह दूसरा अभियान होगा. प्रदेश स्तर पर बन रहे इस अभियान की रूपरेखा क्या होगी, इसकी आधिकारिक घोषणा प्रदेश अध्यक्ष बाद में करेंगे लेकिन इस पर राजनीति जरूर शुरू हो गयी है. भाजपा ने इसे लेकर तंज कसा है तो वहीं कांग्रेस की ओर से भी पलटवार किया गया है.
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झारखंड कांग्रेस में नेता ही कहां बचे हैं- दीपक प्रकाश: कांग्रेस के अभियान पर तंज कसते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि झारखंड कांग्रेस के वोटर और समर्थक झारखंड मुक्ति मोर्चा और भारतीय जनता पार्टी में चले गए हैं. अब उनके(कांग्रेस) पास सिर्फ कुछ नेता बचे हैं, वह क्या और किसे सम्मानित करेंगे.
'भाजपा के नेताओं का इतिहास भी कांग्रेस से जुड़ा होगा': भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के बयान की निंदा करते हुए कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक दलों की मदर पार्टी है. अगर खोजबीन की जाए तो दीपक प्रकाश, बाबूलाल मरांडी और अन्य भाजपाई नेताओं के पूर्वज और परिवार वाले कांग्रेसी ही रहे होंगे. राकेश सिन्हा ने कहा कि दीपक प्रकाश को पता होना चाहिए कि देश में कोई भी ऐसा मोहल्ला नहीं है, जहां कांग्रेसी ना हों. लेकिन कई ऐसे मोहल्ले नहीं बल्कि जिले और तहसील हैं, जहां भाजपा के कार्यकर्ता तक नहीं हैं. कांग्रेस प्रदेश महासचिव ने कहा कि कांग्रेस से ही गए 143 नेता आज भाजपा के सांसद हैं, जिनके बल पर नरेंद्र मोदी पीएम बने हुए हैं, यह भी दीपक प्रकाश को नहीं भूलना चाहिए.
क्या है पुराने कांग्रेसजनों को सम्मानित करने का कार्यक्रम:बुजुर्ग कांग्रेसजनों को सम्मानित करने के कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा की आधिकारिक घोषणा प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर करेंगे. लेकिन पार्टी सूत्रों से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार राज्य भर में कांग्रेस का यह कार्यक्रम चलेगा. इसके तहत प्रदेश और जिला कांग्रेस के एक-एक पदाधिकारी 10-10 बुजुर्ग कांग्रेसी के पास जाकर उन्हें सम्मानित करेंगे. उनसे यह जानने की कोशिश करेंगे कि पहले की राजनीति और आज की राजनीति में वह क्या फर्क देखते हैं. आजादी के बाद की राजनीति में कांग्रेस ने कैसे राष्ट्र का निर्माण किया. उस समय की चुनौतियां क्या थी और आज देश की जो राजनीतिक हालत है उस पर वह क्या सोचते हैं.
कार्यक्रम का उद्देश्य:इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक ओर जहां कांग्रेस के वर्तमान नेताओं के माध्यम से अपने पुरानी पीढ़ी को सम्मानित कराकर उनमें यह भावना उभारने की है कि कांग्रेस, देश और पार्टी के लिए किए उनके योगदान को भूली नहीं है. वहीं इसके साथ-साथ वर्तमान पीढ़ी भी यह जाने कि कांग्रेस ने आजादी के बाद कैसे देश को इस स्थान तक जनसहयोग से पहुंचाया है. खैर यह कार्यक्रम जब शुरू होगा, तब होगा. लेकिन अभी इस पर राजनीतिक बयानबाजी जरूर शुरू हो गई है.