रांची:राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. राज्य सरकार ने हर हाल में इस वर्ष के अंत तक गांव की सरकार गठित करने का निश्चय किया है. इसके लिए पंचायती राज विभाग राज्य निर्वाचन आयोग को पंचायत चुनाव में होने वाले खर्च की राशि मुहैया कराने में जुटा है.
इधर, राज्य निर्वाचन आयोग ने इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में संभावित पंचायत चुनाव को देखते हुए सभी उपायुक्तों को त्रिस्तरीय पंचायत क्षेत्रों के पदों और स्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के लिए स्थानों के आरक्षण और आवंटन 3 जुलाई तक निर्धारित कर आयोग को भेजने का निर्देश दिया है.
यह भी पढ़ें:झारखंड में पंचायत चुनाव नवंबर-दिसंबर में होने की संभावना, फिर कार्यकाल बढ़ाने को लेकर सरकार लेगी विधिक सलाह
सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा पत्र
राज्य सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर राज्य में जल्द से जल्द त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने को कहा है. आयोग को भेजे गए पत्र में सरकार ने सभी तरह का सहयोग देने का आश्वासन देते हुए चुनाव की प्रारंभिक तैयारियां पूरी करने को कहा है जिससे राज्य में इस वर्ष के अंत तक पंचायतों में पंचायती राज का गठन फिर से हो सके.
अध्यादेश लाने की तैयारी में सरकार
पंचायत चुनाव में हो रही देरी को देखते हुए राज्य सरकार एक बार फिर अध्यादेश लाकर पंचायतों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ाने जा रही है. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि 15 जुलाई को खत्म हो रहे कार्यकाल को एक बार फिर राज्य सरकार 6 महीने के लिए बढ़ाएगी जिसके लिए अध्यादेश लाकर कैबिनेट की मंजूरी ली जाएगी.
राजनीतिक दलों की तैयारी शुरू
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट को देखते हुए राजनीतिक दल भी गांव की सरकार बनाने की तैयारी में जुट गए हैं. कहने को तो यह चुनाव दलीय आधार पर नहीं होगा लेकिन राजनीतिक दलों की भूमिका अप्रत्यक्ष रूप से खुलकर रहेगी. कांग्रेस ने गांव की सरकार में भागीदारी निभाने के लिए तैयारी शुरू करने का दावा किया है.
कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा कि सत्तारूढ़ होने का लाभ पार्टी को गांव की सरकार में जरूर मिलेगा. वहीं, झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो की पकड़ ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा है जिसका लाभ पार्टी को जरूर पंचायत चुनाव में मिलेगा. राजद प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह ने भी पंचायत चुनाव को लेकर तैयारी पूरी होने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगे.
भाजपा ने भी कसी कमर
विपक्षी दल बीजेपी के लिए पंचायत चुनाव एक चुनौती भरा होगा. इसके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में संगठन की वास्तविक स्थिति का आकलन पार्टी द्वारा किया जाएगा. हालांकि पार्टी नेता और पूर्व विधायक राम कुमार पाहन मानते हैं कि बीजेपी पंचायत चुनाव मजबूती के साथ लड़ने के लिए तैयार है.
मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू
2015 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अनुसार राज्य में मुखिया के 4,402, जिला परिषद सदस्य के 545, पंचायत समिति सदस्य के 5,423 और ग्राम पंचायत सदस्य के 54,330 पदों के चुनाव हुए थे. इस बार होने वाले पंचायत चुनाव के लिए आयोग द्वारा निर्वाचन क्षेत्र का पुर्ननिर्धारण से लेकर मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. निर्वाचन क्षेत्र पुर्ननिर्धारित होने के बाद इसकी संख्या में बदलाव होने की संभावना है. राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियों के बीच राजनीतिक दलों ने भी इस चुनाव में पूरे जोर-शोर से उतरने की तैयारी अभी से शुरू कर दी है.