रांची: हेमंत सरकार को गिराने की साजिश कांड की जांच तेज हो गई है. पुलिस अब तकनीकी साक्ष्यों के आधार इस केस की गुत्थी सुलझाने में लग गई है. जांच की दिशा को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने के लिए पुलिस एक दर्जन संदिग्ध लोगों के सीडीआर खंगाल रही है.
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जुटाए जा रहे तकनीकी सबूत
दिल्ली के होटल विवांता में झारखंड के तीन विधायकों इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला और अमित यादव की मौजूदगी, उनकी महाराष्ट्र के नेताओं चंद्रशेखर राव बावनकुले, चरण सिंह के साथ सीसीटीवी फुटेज में बैठक का विज़ुअल्स आने के बाद पुलिस अधिक से अधिक तकनीकी साक्ष्य जुटा रही है. मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों अभिषेक कुमार दुबे, अमित सिंह और निवारण कुमार महतो के साथ साथ संदेह में आये सारे लोगों की दिल्ली में मौजूदगी दिखाने के लिए उनके कॉल डंप निकाले जाएंगे. कॉल डंप से यह स्थापित करने की कोशिश की जाएगी कि सभी की मौजूदगी एक साथ थी.
मुंबई जाकर छह लोगों के बयान लेगी पुलिस
मामले में रांची पुलिस महाराष्ट्र के छह लोगों के बयान लेगी. जल्द ही रांची पुलिस की एक टीम वहां जाएगी. महाराष्ट्र में दोनों नेताओं के अलावे एनएसजी के पूर्व असिस्टेंट कमांडर जयकुमार बेलखेड़े, भाजपा नेता मोहित भारतीय, अविनाश ठक्कर, अनिल जाधव से मुम्बई जाकर पूछताछ करेगी.
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स्पेशल ब्रांच ने दिल्ली से रांची तक की रेकी
झारखंड में सरकार गिराने की साजिश को लेकर स्पेशल ब्रांच ने दिल्ली से रांची तक लगातार रेकी की थी. 15 जुलाई को विधायकों के साथ तीनों आरोपियों के दिल्ली जाने की सूचना मिलने पर पुलिस टीम दिल्ली भी गयी थी. वहीं, रांची के ली लेक होटल में भी मुंबई भाजपा के नेताओं और कारोबारियों के आने की सूचना पर स्पेशल ब्रांच ने ही कार्रवाई की थी. स्पेशल ब्रांच ने होटल में पहले ही छापेमारी की थी. तब मौके से अभिषेक कुमार दुबे को पकड़ा गया था, जबकि बाकी लोग फरार हो गए थे.