रांची:झारखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लगातार दो नक्सली हमलों के बाद राज्यभर की पुलिस अलर्ट पर है. इसी के मद्देनजर रांची पुलिस ने बड़ा फैसला लेते हुए रविवार से हाईवे पेट्रोलिंग रात में बंद कर दी है.
राज्य के कई इलाकों में नक्सलियों के लगातार हमलों के बाद रांची पुलिस ने बड़ा फैसला लिया है. रांची और आसपास के इलाकों में हाईवे पेट्रोलिंग को रात में बंद कर दिया गया है. हाईवे पीसीआर में तैनात पुलिस अफसरों को निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी हाल में नक्सल प्रभावित इलाकों में गश्त नहीं लगाएं. इसके लिए नक्सलियों से सामना करने वाले हथियारबंद पुलिस जवानों को ही उन इलाकों में गश्त करने का आदेश दिया गया है.
लातेहार की घटना बनी वजह
पिछले 4 दिनों में नक्सलियों ने झारखंड के कई जिलों में बड़े नक्सली वारदातों को अंजाम देकर सनसनी फैला दी है. विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों की अचानक बड़ी आक्रामकता से झारखंड पुलिस बैकफुट पर है. 22 नवंबर को लातेहार में हुए माओवादी हमले में 4 जवान शहीद होने, 23 नवंबर को पलामू में एके-47 से फायरिंग करने और लोहरदगा में आगजनी घटना के बाद राज्यभर की पुलिस एक्शन में है. इसी के मद्देनजर रांची पुलिस ने भी इस ओर सतर्कता दिखाते हुए हाईवे पेट्रोलिंग को बंद किया है. माना जा रहा है कि हाईवे पेट्रोलिंग में तैनात पुलिसकर्मियों के पास वैसे हथियार नहीं है, जो नक्सलियों का सामना कर सकते हैं. लातेहार में नक्सलियों ने पुलिस की इसी कमी का फायदा उठाते हुए पुलिस पीसीआर पर हमला कर 4 जवानों को निशाना बनाया था.
रांची के आसपास कई नक्सल प्रभावित इलाके हैं
रांची के आसपास के कई इलाके नक्सल प्रभावित हैं. बुंडू-तमाड़ का इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. इस इलाके में नक्सली किसी भी वारदात को अंजाम देकर आसानी से बुंडू-तमाड़ के जंगल से होते हुए चाईबासा की ओर भाग निकलते हैं. इसके अलावा रांची से सटे खूंटी के कर्रा, तोरपा, रनिया और खलारी, चान्हो, पिठोरिया, बुढ़मू जैसे कई इलाके आज भी नक्सल प्रभावित हैं. इन सभी इलाकों में हाइवे पेट्रोलिंग पर फिलहाल रांची पुलिस ने रोक लगा दी है.
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