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6 मई को रांची में होगा मतदान, संवेदनशील बूथ चिन्हित, नक्सलियों के खिलाफ चल रहा बड़ा अभियान

राजधानी में मतदान को लेकर पुलिस प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. नक्सलियो के सक्रियता की खबर के बाद इन इलाकों में बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही मतदान में बाधा पहुंचाने वाले को जवानों के गोलियों का सामना करना पड़ेगा.

नक्सलियों के खिलाफ चल रहा बड़ा अभियान

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Published : Apr 24, 2019, 7:30 PM IST

रांची: राजधानी में 6 मई को मतदान होना है. जिसको लेकर पुलिस प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है. पुलिस को सूचना मिली है कि खूंटी और सरायकेला के बॉर्डर इलाका जो पूरी तरह से घने जंगलों से घिरा हुआ है, वहां के जंगलों में दो नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और पीएलएफआई के दस्ते के सक्रिय होने की सूचना है. यह इलाका राजधानी रांची, खूंटी और सरायकेला तीनों जिलों को छूता है. नक्सलियों के सक्रियता की खबर के बाद इन इलाकों में बड़ा अभियान चलाया जा रहा है.

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बता दें कि झारखंड में पुलिसिया अभियान से घबराए नक्सली लोकसभा चुनाव के दौरान किसी वारदात को अंजाम देकर अपने खौफ को दुबारा लोगों के दिलो में भरने की रणनीति पर काम कर रहे हैं, जबकि राजधानी रांची से सटे अत्यंत नक्सल प्रभावित खूंटी और सरायकेला जिले के बीहड़ों का फायदा उठाकर झारखंड के दो बड़े नक्सली संगठन लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी वारदात को अंजाम देने की ख्वाहिश पाले हुए हैं. स्पेशल ब्रांच के द्वारा मिली सूचना के बाद रांची, खूंटी और सरायकेला पुलिस अलर्ट पर है. तीनों जिलों की पुलिस संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चला रही है.

वहीं, रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि राजधानी रांची के संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों की लिस्ट तैयार की जा चुकी है. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों के आधार पर ही जिला पुलिस के साथ केंद्रीय बलों की टीम नक्सलियों के खिलाफ इन इलाकों में लगातार अभियान चला रही है.

50 कंपनी फोर्स की डिमांड
शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव संपन्न करवाने के लिए राजधानी रांची में ही केवल 50 कंपनी पारा मिलिट्री फोर्स की डिमांड की गई है. वर्तमान में सीआरपीएफ, कोबरा और जिला पुलिस के जवान नक्सलियों के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं. इन इलाकों से कुछ महत्वपूर्ण नक्सलियों की गिरफ्तारी भी हुई है.
मिली जानकारी के अनुसार नक्सली संगठन पीएलएफआई का मुखिया दिनेश गोप इन दिनों खूंटी में सक्रिय है. वहीं, कुख्यात कुंदन पाहन के सरेंडर के बाद भाकपा माओवादियों की कमान संभाल रहा महाराज प्रमाणिक भी इन दिनों रांची के तमाड़-बुंडू इलाके में सक्रिय हो चुका है. हालांकि, पुलिस के लिए एक राहत की बात यह है कि यह दोनों नक्सली संगठन एक दूसरे के खून के प्यासे हैं.

सिस्टर एजेंसियो के इनपुट पर चल रहा काम

कोल्हान डीआईजी कुलदीप द्विवेदी के अनुसार झारखंड पुलिस की स्पष्ट मंशा है शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न करवाना और इसके लिए पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है. कोल्हान क्षेत्र में पड़ने वाले खूंटी, चाईबासा, सरायकेला-खरसावां के ऐसे इलाके जो सीधे राजधानी रांची से जुड़ते हैं. उन इलाकों में भी नक्सलियों के खिलाफ विशेष कार्रवाई की जा रही है.
डीआईजी के अनुसार सिस्टर एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. खूंटी में हाल के दिनों में लगभग 15 नक्सली पकड़े गए हैं. रांची जिले में इस बार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के कई बूथों को मिलकर एक ही जगह बनाने का निर्णय भी पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से लिया है, ताकि नक्सलियों के भय से मुक्त होकर आम लोग अपने मत का प्रयोग कर सके.

संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर लगेंगे कैमरे

राजधानी रांची के संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर इस बार वेबकास्टिंग से लाइव प्रसारण किया जाएगा. इसका प्रसारण मतदान शुरू होने से लेकर खत्म होने तक लगातार कंट्रोल रूम में किया जाएगा. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर ही ऐसे मतदान केंद्र का प्रसारण देखा जा सकेगा. साथ ही बाहर से भी वीडियोग्राफी करवाई जाएगी. लाइव प्रसारण में कोई दिक्कत ना हो इसके लिए संवेदनशील श्रेणी में आने वाले मतदान केंद्रों पर कैमरे को जरनेटर से जोड़ा जाएगा.

डबल प्लान की तहत काम करेगी फोर्स

पुलिस ने इस बार नक्सलाइट निपटाने के लिए एक अलग रणनीति भी तैयार की है. इस दौरान चुनाव से 2 या 3 दिन पहले जो बड़े नक्सली नेता इलाके में सक्रिय होंगे, उनके खिलाफ अभियान छेड़ दिया जाएगा. जिसके लिए नक्सल अभियान में माहिर जवानों को सिलेक्ट किया गया है. अलग-अलग टीमें अलग-अलग नक्सली नेताओं को घेर कर उन्हें जंगल से बाहर ही नहीं निकलने देंगे, ताकि मतदान शांतिपूर्ण गुजरेगा. अगर वे मतदान में बाधा पहुंचाने की कोशिश करेंगे तो उन्हें जवानों के गोलियों का सामना करना पड़ेगा.

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