रांची: राजधानी में 6 मई को मतदान होना है. जिसको लेकर पुलिस प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है. पुलिस को सूचना मिली है कि खूंटी और सरायकेला के बॉर्डर इलाका जो पूरी तरह से घने जंगलों से घिरा हुआ है, वहां के जंगलों में दो नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और पीएलएफआई के दस्ते के सक्रिय होने की सूचना है. यह इलाका राजधानी रांची, खूंटी और सरायकेला तीनों जिलों को छूता है. नक्सलियों के सक्रियता की खबर के बाद इन इलाकों में बड़ा अभियान चलाया जा रहा है.
बता दें कि झारखंड में पुलिसिया अभियान से घबराए नक्सली लोकसभा चुनाव के दौरान किसी वारदात को अंजाम देकर अपने खौफ को दुबारा लोगों के दिलो में भरने की रणनीति पर काम कर रहे हैं, जबकि राजधानी रांची से सटे अत्यंत नक्सल प्रभावित खूंटी और सरायकेला जिले के बीहड़ों का फायदा उठाकर झारखंड के दो बड़े नक्सली संगठन लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी वारदात को अंजाम देने की ख्वाहिश पाले हुए हैं. स्पेशल ब्रांच के द्वारा मिली सूचना के बाद रांची, खूंटी और सरायकेला पुलिस अलर्ट पर है. तीनों जिलों की पुलिस संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चला रही है.
वहीं, रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि राजधानी रांची के संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों की लिस्ट तैयार की जा चुकी है. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों के आधार पर ही जिला पुलिस के साथ केंद्रीय बलों की टीम नक्सलियों के खिलाफ इन इलाकों में लगातार अभियान चला रही है.
50 कंपनी फोर्स की डिमांड
शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव संपन्न करवाने के लिए राजधानी रांची में ही केवल 50 कंपनी पारा मिलिट्री फोर्स की डिमांड की गई है. वर्तमान में सीआरपीएफ, कोबरा और जिला पुलिस के जवान नक्सलियों के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं. इन इलाकों से कुछ महत्वपूर्ण नक्सलियों की गिरफ्तारी भी हुई है.
मिली जानकारी के अनुसार नक्सली संगठन पीएलएफआई का मुखिया दिनेश गोप इन दिनों खूंटी में सक्रिय है. वहीं, कुख्यात कुंदन पाहन के सरेंडर के बाद भाकपा माओवादियों की कमान संभाल रहा महाराज प्रमाणिक भी इन दिनों रांची के तमाड़-बुंडू इलाके में सक्रिय हो चुका है. हालांकि, पुलिस के लिए एक राहत की बात यह है कि यह दोनों नक्सली संगठन एक दूसरे के खून के प्यासे हैं.
सिस्टर एजेंसियो के इनपुट पर चल रहा काम