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रांची पुलिस लाइन में ही चल रहा था जुए का अवैध खेल, छापेमारी कर 6 लोगों को हिरासत में लिया गया - Jharkhand news

Police raid on illegal gambling in Ranchi. राजधानी रांची पुलिस लाइन में ही जुए का खेल चल रहा था. सूचना मिलने पर पुलिस की अचानक छापेमारी की और 6 लोगों को हिरासत में ले लिया. पूरे मामले की जांच की जा रही है.

Two brothers died due to drowning in Hazaribag
Two brothers died due to drowning in Hazaribag

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 26, 2023, 2:02 PM IST

रांची:राजधानी रांची के पुलिस लाइन में ही जुए का खेल चल रहा था. जानकारी मिलने पर रांची के सीनियर एसपी के द्वारा एक टीम भेज कर छापेमारी की कार्रवाई गई, जिसमें 6 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए हैं. जानकारी के अनुसार जिन लोगों को हिरासत में लिया गया उसमें से कई पुलिसकर्मी भी हैं.

क्या है पूरा मामला:रविवार को रांची पुलिस लाइन में उस समय भगदड़ मच गई जब जुआ खेल रहे 6 लोगों को पुलिस ने छापेमारी कर उठा लिया. छह लोगों को हिरासत में लेने के बाद जानकारी मिली कि उसमें कई पुलिसकर्मी भी हैं. जिसके बाद मामले को दबाने की भरपूर कोशिश की गई. हालांकि अभी तक किसी भी पुलिस अधिकारी ने हिरासत में लिए गए लोगों में पुलिसकर्मी होने की पुष्टि नहीं की है.

हर रोज चल रहा था जुआ:दरअसल रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा को यह शिकायत मिली थी कि पुलिस लाइन में ही अवैध रूप से कुछ लोग जुआ खिलाने का काम करते हैं. इसके लिए उन्होंने किराए पर एक मकान भी ले रखा है. जानकारी मिलने पर एसपी के स्पेशल टीम के द्वारा अचानक पुलिस लाइन में छापेमारी गई की गई. जिसमें जुआ खेलते हुए छह लोग पकड़ लिए गए. मौके से पकड़े गए लोगों के पास से तीन लाख के करीब नगद भी बरामद हुआ है.

जांच जारी:सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार ने बताया कि जुआ खेलने की शिकायत पर छापेमारी की गई थी. जिसमें कुछ लोगों को पकड़ा गया है. मामले में पुलिस वाले शामिल हैं कि नहीं यह जांच की जा रही है.

इस मामले में बाबूलाल मरांडी ने भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा 'रांची के गोंदा थाने क्षेत्र में कल देर रात पुलिसकर्मी समेत अन्य लोग जुआ खेलते पकड़े गये हैं. ये पुलिसकर्मी ख़ुद भी जुआ खेल रहे थे और खेलवा भी रहे थे. इस पूरे प्रकरण में सबसे खास बात यह है कि इनमें से कुछ पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास में कार्यरत हैं और इस बात को पूरी तरह से छिपाया गया है. किसी भी तरह से मामले को रफा दफा किया जा रहा है. जिस राज्य का मुखिया सुबह से रात तक बस चोरी और हेरा-फेरी का गोरखधंधा करने में लगा हो, वहां ठीक उसके नाक के नीचे काम करने वालों को ऐसा 'अपराध करने का ऑक्सीजन' मिलता ही रहता है. जब बॉस ही राज्य के साथ रोज़ जुआ खेले तो चेले क्यों पीछे हटेंगे? साथ ही साथ यह भी पता लगाना ज़रूरी है कि इस जुआ के आमदनी का पैसा ऊपर कहां तक जाता है?'

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