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रांची: जुए के अड्डे पर पुलिस की छापेमारी, 11.53 लाख रुपये के साथ कुख्यात अपराधी प्रिंस उर्फ लाली गिरफ्तार - रांची में जुए के अड्डे पर छापेमारी

रांची में बेखौफी से संचालित हो रहे जुए के अड्डे पर शुक्रवार को पुलिस ने छापेमारी करते हुए कुख्यात अपराधी प्रिंस उर्फ लाली को गिरफ्तार किया. वहीं 11.53 लाख रुपये के साथ जुआ खेल रहे सात लोगों को भी गिरफ्तारी किया गया है.

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रांची में जुए के अड्डे पर पुलिस की छापेमारी

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Published : Aug 14, 2020, 9:31 PM IST

रांची:रांची पुलिस धुर्वा इलाके में चल रहे जुआ के अड्डे का भंडाफोड़ करते हुए कुख्यात अपराधी प्रिंस उर्फ लाली सहित सात को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. प्रिंस उर्फ लाली धुर्वा थाना से महज एक किलोमीटर की दूरी पर जुए का अड्डा चला रहा था. स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लग रही थी.

एसएसपी की टीम ने की छापेमारी
एसएसपी को इसकी सूचना मिलने पर हटिया एएसपी विनीत कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने गुरुवार की रात को छापेमारी की. इस दैरान 11.53 लाख नकद समेत जुआ खेलते हुए सात लोगों को गिरफ्तार किया गया. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि धुर्वा डैम साइड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जुआ खेला जा रहा है. इसी सूचना के आधार पर एक टीम का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व हटिया एएसपी विनीत कुमार कर रहे थे. पुलिस ने डैम साइड स्थित क्वार्टर नंबर डीटी 988 के पीछे हॉलनूमा घर में छापेमारी की तो जुआ खेलते सभी 7 लोग पकड़े गए. पकड़े गए सभी आरोपियों का कोविड जांच कराने के बाद जेल भेज दिया गया.

ये हुए गिरफ्तार
गिरफ्तार किए गए आरोपितों में कुख्यात अपराधी व गिरोह का सरगना प्रिंस उर्फ लाली कुमार, राकेश पांडेय, बंशीधर शर्मा, जन्मजेय गोप, शैलेश सिंह, राधाकृष्णन और दिलीप साहू शामिल हैं.

पूर्व पार्षद की जुआ अड्डा की वजह से ही हुई थी हत्या
पूर्व पार्षद रत्नेश की हत्या जुआ के अड्डे पर रोक लगाने की वजह से ही वर्ष 2014 में हुई थी. प्रिंस उर्फ लाली भी उसमे आरोपी था. 29 नवंबर 2014 को अपराधियों ने पार्षद रत्नेश को उसके घर में घुसकर गोली मार दी थी. मामले में रत्नेश के मामा तेज प्रताप सिंह ने धुर्वा थाना में सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया था. मामले में पुलिस ने प्रिंस कुमार उर्फ लाली को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन कोर्ट में गवाह के मुकर जाने के बाद उसे बेल दे दिया गया था. गवाह के मुकर जाने की वजह से पकड़े गए सभी लोगों को निर्दोष मानते हुए कोर्ट ने बरी कर दिया था. प्रिंस के जेल से छूटने के बाद बड़े पैमाने पर जुए का धंधा फल फूल रहा था, लेकिन पुलिस भी इसे नजरअंदाज करते हुए जुआरियों के खिलाफ कार्रवाई करने में अनदेखी करती रही.


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लंबे समय से चलता आ रहा जुए का अड्डा
धुर्वा थाना के समीप जिला स्तरीय जुआ काफी लंबे समय से चलता आ रहा था. जुआ चलाने वाले प्रिंस का धुर्वा थाना में आना जाना भी था. खबर है पुलिस की गश्ती गाड़ी भी वहां जाती थी. धुर्वा थाना प्रभारी को मोटी रकम जुआ संचालक की तरफ से दिया जाता था. धुर्वा थाने में 10 पीएसआई और कई पदाधिकारी आ पुलिसकर्मी के रहने के बावजूद भी जुआ अड्डा संचालन की जानकारी नहीं मिलना पुलिस की मिलीभगत की ओर इंगित करती है.

एक आईपीएस और 14 दारोगा को करनी पड़ी छापेमारी
प्रिंस उर्फ लाली के जुआ अड्डे पर एक आईपीएस, एक इंस्पेक्टर और 14 दरोगा व 10 पुलिस के जवान मिलकर छापामारी किए. तब जुए अड्डे का पर्दाफाश हुआ और 7 लोग पकड़े गए. इससे पहले जुए का अड्डा बेखौफ ढंग से चल रहा था.

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