रांची: पिछले लोकसभा चुनाव में अपनी हर रणनीति में हार का मुंह देखने वाले नक्सली संगठन झारखंड विधानसभा चुनाव में बाधा डालने की रणनीति बना रहे हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान बड़े हमले की तैयारी की प्लानिंग में बिहार, छत्तीसगढ़ और बंगाल के नक्सल नेताओं के झारखंड में डेरा डालने की सूचना है. जिसके बाद झारखंड पुलिस में बड़े नक्सली नेताओं को भी घेरने की तैयारी कर ली है.
बड़े नेताओं को टारगेट कर शुरू हुआ अभियान
झारखंड में पहली बार नक्सली दस्तों के बजाय शीर्ष नक्सलियों को टारगेट कर अभियान चलाया जा रहा है. भाकपा माओवादियों का शीर्ष नेतृत्व पुलिस के निशाने पर है. झारखंड विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य के सबसे खतरनाक नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों के खिलाफ राज्यभर में अभियान शुरू किया गया है. पुलिस मुख्यालय के स्तर पर पूरे अभियान की मॉनिटरिंग की जा रही है. राज्य पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, माओवादियों के शीर्ष नेताओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ अभियान शुरू हो चुका है.
सरायकेला में भाकपा माओवादियों के केंद्रीय कमेटी सदस्य और एक करोड़ के इनामी पतिराम मांझी उर्फ अनल, आकाश उर्फ तिमिर, प्रशांत बोस, महाराज प्रमाणिक, अमित मुंडा जैसे बड़े माओवादी निशाने पर है. भौगोलिक दृष्टिकोण से यह इलाका रांची के तमाड़, खूंटी से भी सटता है. ऐसे में वहां से निकलने के रास्तों पर अभियान चलाया जा रहा है. सारंडा के पौडाहाट में जोनल कमांडर जीवन कंडुलना के दस्ते के खिलाफ भी अभियान चल रहा है. पुलिस के आईजी नवीन कुमार सिंह के अनुसार झारखंड में लगातार ऑपरेशन चल रहा है और सभी नक्सली संगठन टारगेट पर है.
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बूढ़ापहाड़ में टारगेट, छतीसगढ़ का दस्ता
भाकपा माओवादी विवेक यादव, चंदव यादव समेत छतीसगढ़ के कुछ युवा नक्सलियों का दस्ता गढ़वा के भंडरिया और छतीसगढ़ के बलरामपुर की सीमा पर सक्रिय है. इस दस्ते को चिन्हित कर सीआरपीएफ और राज्य पुलिस की टीमें अभियान चला रही है. बूढ़ापहाड़ के इलाके में भाकपा माओवादी विश्वनाथ ने बीते दो तीन सालों से लैंड माइंस से घेराबंदी कर रखी है. ऐसे में पुलिस वहां फुंक-फुंक कर कदम रख रही है.