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नक्सली हमले में लगातार शहीद हुए हैं जवान, एसपी बलिहार की मौत के आठ सालों बाद अधिकारी की मौत - naxalite encounter

झारखंड में पुलिस और नक्सलियों के बीच लगातार मुठभेड़ होती रहती है. इस हमले में पुलिस जवान शहीद होते हैं और नक्सली भी मारे जाते हैं. नक्सली मुठभेड़ में आठ साल बाद कोई वरीय अधिकारी शहीद हुआ है. इससे पहले पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार 2013 में शहीद हुए थे.

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नक्सली हमले में पाकुड़ के तत्कालीन एसपी बलिहार के बाद डिप्टी कमांडेंट हुए शहीद

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Published : Sep 29, 2021, 8:03 AM IST

Updated : Sep 29, 2021, 8:11 AM IST

रांचीः झारखंड में नक्सली मुठभेड़ में आठ साल के बाद बड़ा अधिकारी शहीद हुआ है. पिछले तीन सालों में हुए नक्सल वारदातों में करीब एक दर्जन से अधिक जवानों की शहादत हुई है. हालांकि, यह पहली बार है जब जेजेएमपी जैसी स्पिलिंटर ग्रुप के साथ मुठभेड़ में किसी बड़े अधिकारी शहीद हुए हैं. इससे पहले पीएलएफआई के साथ फायरिंग की घटना में बानो थाना प्रभारी विद्यापति सिंह 2017 में शहीद हो गए थे.

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वर्ष 2013 में एसपी हुए थे शहीद

वर्ष 2013 में भाकपा माओवादियों के साथ पाकुड़ में मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार शहीद हो गए थे. वहीं, झारखंड राज्य बनने के ठीक पहले लोहरदगा में तत्कालीन एसपी अजय कुमार शहीद हो गए थे. राज्य बनने के बाद पलामू के डीएसपी वरुण कुमार, बुंडू में डीएसपी प्रमोद कुमार, चतरा में डीएसपी विनय भारती माओवादी हमले में शहीद हो चुके हैं.

कैसे हुई लातेहार में घटना

झारखंड पुलिस के वरीय अधिकारियों के मुताबिक मंगलवार को पप्पू लोहरा के दस्ते की सूचना मिली. इस सूचना के आधार पर अभियान शुरू किया गया. अभियान के दौरान सुरक्षा बलों की टीम जगड़ापहाड़ी पर चढ़ रही थी, तभी जेजेएमपी के नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग के दौरान एक गोली राजेश कुमार के सीने में लगी और गंभीर रूप से जख्मी हो गए. इस मुठभेड़ में जेजेएमपी के एक नक्सली भी मारा गया है, जिसकी पहचान नहीं हो पाई है. मुठभेड़ के बाद भी पूरे इलाके में सघन अभियान जारी है.

कब कब उठाना पड़ा पुलिस को नुकसान

  • 4 मार्च 2021 को चाईबास के लांजी में एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान आईईडी ब्लास्ट में एसटीएफ के हरद्वार साह, किरण सुरीन, देवेंद्र कुमार पंडित शहीद हो गए. महाराज प्रमाणिक के दस्ते ने इस वारदात को अंजाम दिया था. इस वारदात की साजिश एक करोड़ के ईनामी पतिराम मांझी ने रची थी.
  • 16 फरवरी 2021 को लोहरदगा के नक्सल प्रभाव वाले सेरेंगदाग में आईईडी की चपेट में आने से लोहरदगा जिला पुलिस के दुलेश्वर प्रसाद शहीद हो गए.
  • 30 मई 2020 को पश्चिमी सिंहभूम में अभियान के दौरान एएसपी नाथू राम मीणा के बॉडीगार्ड लखींद्र मुंडा और एक एसडीपीओ शहीद हो गए थे. वारदात में 2017 बैच के आईपीएस अधिकारी नाथू राम मीणा बाल बाल बचे थे.
  • लातेहार के चंदवा में रवींद्र गंझू के दस्ता ने 22 नवंबर 2019 को पुलिस पार्टी पर लुकईया मोड़ में हमला किया. इस हमले में चंदवा थाने के एएसआई शंभू प्रसाद, सकींद्र सिंह, जमुना प्रसाद, सुकरा उरांव शहीद हो गए थे.
  • 4 अक्टूबर 2019 को नामकुम में दशम फॉल के पास ऑपरेशन में एसाल्ट ग्रुप-19 के जवान अखिलेश राम, खंजन कुमार महतो शहीद हो गए थे.
  • सरायकेला के तिरूलडीह साप्ताहिक बाजार में माओवादियों ने पुलिस पार्टी पर हमला किया, जिसमें युद्धिष्ठिर मलुवा, डिबरू पूर्ति, धनेश्वर महतो, मनोधन हांसदा, गोवर्धन पासवान शहीद हो गए थे.
  • 7 जून 2018 को सरायकेला के कुचाई में पुलिस मुठभेड़ में बनुआ उरांव शहीद हुए थे.
  • 26 जून 2018 को गढ़वा के भंडरिया में अभियान के दौरान बारूदी सुरंग विस्फोट में कुंदन कुमार सिंह, अजय कुजूर, अजीत ओड़ेया, देवकुमार महतो, परमानंद चौधरी, कृष्ण प्रसाद न्यौपाने शहीद हो गए थे.
Last Updated : Sep 29, 2021, 8:11 AM IST

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