रांची:पुलिस के द्वारा बांका से मुक्त करवाए गए राहुल वर्मा को लेकर कई खुलासे हुए हैं. नौकरी के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाला राहुल वर्मा बिहार के कुख्यात रंजीत डॉन का रिश्तेदार (Rahul Verma relative of Bihar Don Ranjit) है. राहुल वर्मा कि ठगी से परेशान होकर बिहार के चार युवकों ने उसका अपहरण कर लिया था, हालांकि पुलिस ने बांका पुलिस के सहायता से राहुल को मुक्त करवा (Police Rescued Rahul Verma) लिया था.
रंजीत डॉन का भाई है राहुल वर्मा, अगवा करने के लिए दो महीने से रेकी कर रहे थे, ठगी के शिकार - Ranchi News
नौकरी के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले राहुल वर्मा का अपहरण रोहित यादव ने कर लिया था और उसे बिहार के बांका में रखा था. रांची पुलिस ने बिहार पुलिस की मदद से राहुल वर्मा को रोहित के चुंगल से आजाद करवा (Police Rescued Rahul Verma) लिया. अब पुलिस अपहरण कांड की साजिश रचने वाले रोहित यादव (Police Looking for Kidnapper Rohit Yadav) और उसके साथियों की तलाश में जुटी हुई है.
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रंजीत डॉन का ममेरा भाई है रंजीत:मिली जानकारी के अनुसार राहुल कुमार वर्मा बिहार के नालन्दा जिले के चंडी का रहने वाला है. बिहार में पैसे के बल पर नौकरी दिलवाने के मामले में कुख्यात रहे रंजीत डॉन राहुल का ममेरा भाई है. रंजीत डॉन के नाम पर ही राहुल बिहार के युवाओं को नौकरी देने के नाम पर पैसे वसूल रहा था. फौज और रेलवे में नौकरी दिलाने के बहाने उसने ढाई करोड़ रुपये की उगाही की थी. बिहार के बांका जिले के रहने वाले रोहित यादव को राहुल ने बिहार में अपना एजेंट रखा था. रोहित ही बेरोजगार युवकों से पैसे लेकर राहुल को देता था. धीरे धीरे रोहित यादव ने राहुल को लगभग ढ़ाई करोड़ रुपये दे दिए. लेकिन एक भी बेरोजगार की नौकरी नहीं हुई.
एक साल तक मांगता रहा पैसा :नौकरी नहीं मिलने की वजह से बिहार के वैसे युवक जिन्होंने रोहित यादव के माध्यम से राहुल वर्मा को पैसा दिया था. वह रोहित यादव से अपने पैसे वापस मांगने लगे. परेशान रोहित यादव ने इस दौरान जब राहुल वर्मा से पैसे मांगने शुरू किए, तो वह आज-कल कहकर टालमटोल करता रहा. इसी बीच रोहित यादव पैसे वापस लेने के लिए रांची पहुंच गया. लेकिन तब तक राहुल अपना पुराना घर खाली कर फरार हो चुका था.
चार महीना रेकी के बाद उठाया:राहुल वर्मा के धोखेबाजी से परेशान होकर रोहित लगातार उसकी तलाश रांची में कर रहा था. रोहित को जिन लोगों ने नौकरी के लिए पैसे दिए थे. वह उसके जान के दुश्मन बने हुए थे, और इधर राहुल वर्मा उसे खोजे नहीं मिल रहा था. इस दौरान रोहित यादव ने यह तय किया कि वह रांची में ही रहेगा. जब तक राहुल नहीं मिल जाता है. रोहित यादव पिछले 4 महीने से राहुल की तलाश कर रहा था. ताकि वह उसका अपहरण कर सके और फिरौती के रूप में अपने पैसे वसूल सके. इसी बीच एक दिन राहुल रांची के बरियातू स्थित एक डॉक्टर के यहां नजर आया. जिसके बाद रोहित यादव ने अपने तीन अन्य साथियों को बिहार से बुलवाया और 4 दिन के रेकी के बाद बरियातू के सिंह मेडिकल में दवा खरीद रहे राहुल वर्मा को अगवा कर बिहार ले चला गया.
पुलिस के डर से रात भर जंगल में रहा रोहित :जिस समय रोहित यादव अपने साथियों के साथ राहुल वर्मा को अगवा कर रांची से भाग रहा था. उस दौरान पुलिस उसके पीछे लग गई थी. पुलिस को चकमा देने के लिए रोहित यादव ने अपने कार को सिकिदिरी के जंगल में छुपा दिया था. पूरी रात जंगल में में ही वह छुपा रहा, उसके बाद अपनी कार के नंबर प्लेट को तोड़ दिया. ताकि आसानी से नंबर की पहचान न हो सके. उसके बाद वह सीधे गिरिडीह- देवघर होते हुए बांका भाग गया.
क्या है पूरा मामला:रांची के बरियातू थाना क्षेत्र स्थित मालाबार कॉम्प्लेक्स के पास से बीते शनिवार को राहुल वर्मा को उस समय अगवा कर लिया गया था. जब वह सिंह मेडिकल से दवाइयां खरीद रहा था. मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने आनन-फानन में बरियातू पुलिस को फोन कर यह जानकारी दी कि काले रंग की स्कार्पियो में आए कुछ लोगों ने दवाई दुकान के पास बैठे एक युवक को जबरदस्ती अपने वाहन में बिठाकर ले गए हैं. मामले की जानकारी मिलने पर टेट्रा के जरिए सभी थानेदारों को यह निर्देश दिया गया कि वह अपने- अपने इलाके में सघन चेकिंग अभियान चलाएं. हालांकी अगवा करने वाले किसी तरह रांची से बाहर निकलने में कामयाब हो गए.
परिजनों के थाना पहुंचने पर मिली जानकारी :पहले पुलिस को यह लगा कि राहुल को किसी अन्य राज्य की पुलिस ने उठाया है. लेकिन जब परिजन थाना पहुंचे तब जाकर पूरे मामले में खुलासा हुआ. परिजनों ने बताया कि राहुल को बिहार के बांका जिला का रहने वाला रोहित यादव अपने साथ उठाकर ले गया है. जानकारी मिलने के बाद रांची के सीनियर एसपी ने तुरंत एक टीम का गठन कर, बरियातू थाना के पदाधिकारियों के साथ बांका जिला में छापेमारी करने को भेजा. इधर बरियातू थानेदार ज्ञानरंजन लगातार टेक्निकल टीम के साथ राहुल का लोकेशन जानने का प्रयास कर रहे थे. आखिरकार सोमवार की रात के तकरीबन एक बजे बांका पुलिस के सहयोग से राहुल को सकुशल मुक्त करवा लिया गया.
रोहित यादव की तलाश में रेड :वहीं दूसरी तरफ रांची पुलिस बिहार पुलिस की सहायता से अपहरण कांड की साजिश रचने वाले रोहित यादव और उसके साथियों की तलाश में जुटी हुई है. हालांकि फिलहाल पुलिस को इसमें कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है.