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रांची: पुलिस ही चला रही जुए के अड्डे, स्पेशल ब्रांच की जांच में हुआ खुलासा

रांची के कई इलाको में पुलिस के देखरेख में जुआ खेला जा रहा है. सुरक्षा में तैनात टाइगर फोर्स के जवान अपने-अपने इलाके में जुए के अड्डे का संचालन कर रहे हैं. इसका खुलासा स्पेशल ब्रांच की जीम ने किया है.

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Published : Nov 7, 2019, 8:12 AM IST

रांची में पुलिस ही चला रही जुआ

रांची: राजधानी में पुलिस के देखरेख में जुआ खेला जा रहा है. सुरक्षा के लिए जिम्मेदार टाइगर फोर्स के जवान अपने-अपने इलाके में जुआ के अड्डे का संचालन कर रहे हैं. इसका खुलासा स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट से हुआ है.

गोंदा-कोतवाली इलाके में चल रहा जुआ
गोंदा और कोतवाली थाना इलाका में जुए का खेल चल रहा है. कोतवाली थाना क्षेत्र के किशोरी सिंह यादव बस स्टैंड पर दो टाइगर जवानों की मिलीभगत से तीन तसिया जुआ और गोंदा थाना क्षेत्र के मिसिर गोंदा में जुए का खेल चल रहा है. इन दोनों जगहों के खेल का हवाला देकर स्पेशल ब्रांच ने दोनों थानेदारों को पत्र लिखकर कार्रवाई का निर्देश दिया है. पत्र में बताया गया है कि किशोरी सिंह यादव चौक पर चल रहे तीनतसिया जुए के खेल में वहां पहुंचने वाले यात्रियों को झांसे में लेकर उनके पैसे की लूट की जा रही है. अधिकांश यात्रियों से उनके सारे पैसे ठग लिए जाते हैं. इसमें टाइगर मोबाइल 22 में प्रतिनियुक्त जवान कयूम अंसारी और संतोष ओझा की मिलीभगत भी है. इस जुए के धंधेबाज दोगुना पैसे का लालच दिखाकर धंधा चला रहे हैं. हर दिन भोले-भाले लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं.

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स्कूल प्रांगण में चलता है जुआ
गोंदा थाना क्षेत्र के मिसिर गोंदा स्थित नीचे कोचा पहाड़ के ऊपर राजकीय प्राथमिक मध्य विद्यालय स्कूल प्रांगण में लालदेव महतो जुए का खेल करवा रहें है. शाम 6:30 बजे के बाद से पूरी रात जुआ का खेल चलता है. इसमें सैकड़ों की भीड़ भी जुटती है. हर दिन करीब 150 लोग शामिल होते हैं. जुए के खेल में हार-जीत के बाद मारपीट की संभावना बनी रहती है.

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2000 मिलते है जवानों को प्रतिदिन
अपनी देखरेख में जुआ खिलाने के एवज में पुलिसकर्मियों को हर दिन 2000 रुपये का भुगतान किया जाता है. इसका खुलासा गुरुवार की रिपोर्ट में किया गया है. अपने देखरेख में जुआ खिलाने वाले जवान पीसीआर और दूसरे गस्ती वाहनों को इलाके में सब कुछ ठीक है, यह कह कर आने नहीं देते. रिपोर्ट में यह जिक्र है कि काफी दिनों से पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से जुए का धंधा फल-फूल रहा है.

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