रांचीः झारखंड गठन के बाद से अब तक डायन बिसाही के आरोप में 1,800 से अधिक महिलाओं की हत्या की जा चुकी है. राज्य के लिए ये कलंक है. पर, इस मुद्दे पर समाज अभी तक जागरूक नहीं हो सका है. ऐसे में झारखंड में डायन-बिसाही की वजहों से होने वाली हत्याओं को रोकने के लिए पुलिस ने बड़ी कार्ययोजना तैयार की है.
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डीजीपी नीरज सिन्हा के निर्देश पर आईजी प्रोविजन ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. इस बार पुलिस अंधविश्वास फैलाने वाले ओझा गुनी और पाहन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है.
बांड भरवाया जाएगा
इस मुद्दे पर समाज अभी तक जागरूक नहीं हो सका है. इस गंभीर समस्या के निराकरण के लिए कई लोग और कई संस्थाएं लड़ाई लड़ रही हैं. पर, ये कुप्रथा गांवों में इस तरह से फैली हुई हैं कि इतनी जल्दी इससे छुटकारा संभव नहीं लग रहा. तमाम तरह की योजनाओं और कई संस्थाओं के काम करने के बावजूद इस कुप्रथा को लोगों के दिमाग से नहीं निकाला जा सका है. लोग इसे ही सही मानकर जी रहे हैं.
पुलिस का मानना है कि डायन- बिसाही हत्याओं में कई बार ओझा गुनियों व स्थानीय पुजारियों की भूमिका होती है. ऐसे में अब राज्य पुलिस स्थानीय पुजारी, पाहन, भगत को चिन्हित कर उनके पर्सनल बाउंड या निजी मुचलका भरवाएगी ताकि स्थानीय स्तर पर उचित रोकथाम की जा सके.
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राज्य में डायन- बिसाही हत्याओं को रोकने के लिए सभी जिलों के एसपी, रेल एसपी को संबंधित जिला का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. वहीं सीआईडी के लिए डीआईजी सीआईडी को राज्यभर का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है.
किस तरह की योजनाओं पर हो रहा काम
डायन बिसाही के मामलों में सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह संवेदनशील जगहों का चयन कर योग्य व संवेदनशील पदाधिकारियों व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करें.
सूचना जुटाकर लगातर वस्तु स्थिति की समीक्षा करे. जिले में विशेष शाखा के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ भी प्रत्येक माह बैठक कर डायन बिसाही संबंधी सूचना जुटाने व कार्रवाई का आदेश पुलिस मुख्यालय ने दिया है.
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जिन इलाकों में पूर्व में ऐसी घटनाएं हुई हैं, वहां खास निगरानी रखने का आदेश दिया गया है. थानेदारों को निर्देश दिया गया है कि वहइस घटना पर तत्काल इसकी जानकारी जिले के एसपी को दें. इसके बाद एसपी के स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. स्थानीय चौकीदार व एसपीओ को विशेष प्रशिक्षण देने का निर्देश भी दिया गया है.
महिला पुलिसकर्मी करेंगी जागरूक
गांव-गांव में जागरूकता फैलाने के लिए गठित दल में महिला आरक्षी व चौकीदारों को रखा जाएगा. गठित दल द्वारा ऐसे मामले में अनुसंधान में भी सहयोग दिया जाएगा.
जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह डायन बिसाही मामलों में तत्काल सजा दिलाने के लिए त्वरित न्याय के लिए प्रधान न्यायाधीश से अनुरोध करने व गवाहों को सुरक्षित उपस्थित कराने के लिए थानेदारों पर जिम्मेदारी सौंपने का निर्देश दिया गया है.
प्रत्येक जिले में हेल्पलाइन बनेगा
डायन बिसाही हिंसा रोकने के लिए प्रत्येक जिला में हेल्पलाइन बनाया जाएगा. हेल्पलाइन को आम लोगों के बीच प्रचारित किया जाएगा. वहीं जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह पांच साल से डायन बिसाही के दर्ज तमाम मामलों की समीक्षा करें व समीक्षा रिपोर्ट डीआईजी को उपलब्ध कराएंगे.
इसके बाद डीआईजी द्वारा समेकित रिपोर्ट एडीजी सीआईडी को सौंपी जाएगी. लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्देश भी जिलों के एसपी को दिया गया है.