रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में संथाल परगना के 16 सीटों पर 20 दिसंबर को मतदान होने हैं. जिन 16 सीटों पर मतदान होना है उनमें से कई सीटें अति नक्सल प्रभावित हैं. इन सभी सीटों पर शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय ने कमर कस ली है.
संथान परगना के जिन 16 सीटों पर अंतिम चरण में मतदान है, वहां सुरक्षाबलों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव को संपन्न कराना एक बड़ी चुनौती होगी. संताल परगना प्रमंडल में चुनाव के दौरान नक्सली व्यवधान उत्पन नहीं कर सकें, इसके लिए माओवादी दस्तों को चिन्हित कर उनकी घेराबंदी शुरू कर दी गई है.
चुनाव के अंतिम चरण में चुनौती क्यों
साल 2014 में लोकसभा चुनाव के समय भाकपा माओवादियों ने मतदानकर्मियों को निशाना बनाया था. शिकारीपाड़ा में नक्सली हमले में 7 मतदान कर्मी और 2 पुलिस जवान मारे गए थे. 2014 चुनाव में हुई गलती से सबक लेते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने इस बार विशेष तैयारी की है. संताल परगना में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए नोडल अफसर, आईजी अभियान और सीआरपीएफ कमांडेंट लगातार बैठकें कर रहे हैं. नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में भ्रमण पर रोक लगाई गई है.
संथाल परगना के सभी दस्ते हुए हैं चिन्हित
अंतिम चरण के चुनाव में नक्सली संथाल परगना के जिलों में वारदात को अंजाम नहीं दे सकें, इसके लिए विशेष तैयारी की गई है. राज्य पुलिस मुख्यालय की ओर से संथाल परगना में सक्रिय सभी नक्सलियों और उनके दस्तों को चिन्हित किया गया है. प्रत्येक दस्ते पर एक संयुक्त बलों की टीम की तैनाती की गई है, जो दस्ते के खिलाफ अभियान चलाएगी. वर्तमान में पुलिस को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, संथाल परगना में नक्सलियों ने कैडर की कमी के कारण सभी रिजनल कमेटियां भंग कर दी है, लेकिन अब भी पूर्वी बिहार, पूर्वोतर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के छह सैक सदस्य सक्रिय हैं. प्रत्येक सैक सदस्य पर 25 लाख का ईनाम झारखंड सरकार ने घोषित किया है. संथाल परगना को नक्सलियों ने तीन सब जोन में बांटा है.