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झारखंड में क्रिसमस पर पॉइन्सेटिया फूल की बढ़ जाती है मांग, जानिए क्या है इसकी मान्यता

Christmas in Jharkhand. झारखंड में क्रिसमस को लेकर ईसाई समुदाय के लोग प्रभु यीशु मसीह के जन्म से पहले अपने घरों को फूलों से सजाते हैं. इसको लेकर रांची में क्रिसमस के मौके पर पॉइन्सेटिया की डिमांड बढ़ी है. क्योंकि इसे सद्भावना और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है.

poinsettia flower demand increased on Christmas in Ranchi
रांची में क्रिसमस के मौके पर पॉइन्सेटिया की डिमांड बढ़ी

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 24, 2023, 1:08 PM IST

क्रिसमस पर पॉइन्सेटिया फूल का महत्व

रांची: झारखंड में क्रिसमस की तैयारी अंतिम चरण में है. देर शाम के बाद लोग घरों की सजावट का काम पूरा करते प्रार्थना में शामिल होने के लिए विभिन्न गिरजाघरों में जाएंगे. इसके बाद रात 12 बजे प्रभु यीशु का जन्मोत्सव मनाएंगे.

क्रिसमस में ईसाई समुदाय के लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी लाइट्स और विभिन्न फूलों से सजाते हैं. वो अपने घरों में स्टार, संता क्लॉज और छोटे छोटे लाइट्स लगा दिए गए हैं. वही क्रिसमस के मौके पर फूलों का भी खास महत्व है. राजधानी रांची के बाजार में इन चीजों की बिक्री काफी हो रही है.

ईसाई समुदाय के धर्म गुरु कहते हैं कि प्राचीन काल से ही क्रिसमस के मौके पर फूलों का विशेष महत्व रहा है. लोग प्रभु यीशु मसीह के जन्म से पहले अपने घरों को फूलों से सजाकर ईसा मसीह का स्वागत करते हैं. धर्म गुरु बताते हैं कि फूल से हवाओं को सुगंधित कर यीशु मसीह का स्वागत किया जाता है. अड़हुल का फूल और गुलाब के अलावा कई फूलों से ईसाई समुदाय के लोग चर्चों में जाकर प्रार्थना करते हैं. ऐसा माना जाता है कि फूलों को हाथ में रखकर प्रार्थना करने से यीशु मसीह मनोकामना को पूर्ण करते हैं.

क्रिसमस के मौके पर पॉइन्सेटिया नाम के फ्लावर का खास महत्व है. फूल दुकानदार बताते हैं कि क्रिसमस के दौरान फूलों की खूब बिक्री होती है. पॉइन्सेटिया फूलों की क्रिसमस के दौरान खूब मांग होती है. ईसाई समुदाय के लोग बताते हैं कि इस फूल के बारे में कहा जाता है कि अमेरिका में इस फूल का उपयोग सबसे पहले क्रिसमस की पूर्व संध्या में किया गया था. इस फूल का नाम मेक्सिको के मूल निवासी जोएल रॉबर्ट्स पॉइन्सेट के नाम पर रखा गया है.

रांची के महा गिरजाघर की सिस्टर कपिला लकड़ा बताती हैं कि क्रिसमस के दौरान क्रिसमस फूल के रूप में कई फूलों का उपयोग किया जाता है. लेकिन पॉइन्सेटिया नाम के फ्लावर का विशेष महत्व है. उन्होंने बताया कि इस फूल के बारे में माना जाता है कि 19वीं शताब्दी में एक मेक्सिकन लड़की भगवान यीशु को कुछ उपहार देना चाहती थी लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे. जैसे ही वह चर्च पहुंची कि चर्च के आसपास जंगल और घास फूस पॉइन्सेटिया फ्लावर में बदल गया और तब से इस फ्लावर का और भी महत्व क्रिसमस के मौके पर बढ़ गया.

रांची के बिशप हाउस में भी इस फूल के पौधे लगाए गए हैं. क्रिसमस के मौके पर इस फूल को हाथ में रखकर लोग प्रार्थना करते हैं ताकि उनकी हर मनोकामना भगवान यीशु मसीह पूर्ण करें. फूल व्यापारियों ने बताया कि यह फूल भारत में दिल्ली और कोलकाता से मंगाए जाते हैं. वास्तविक फूल के साथ-साथ इस फूल के डिजाइन के जैसे प्लास्टिक के भी फूल बनकर लोग अपने घरों को सजाते हैं.

ईसाई समुदाय से जुड़े लोग बताते हैं कि पॉइन्सेटिया फूल सद्भावना और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. कई दशक से इस फूल का क्रिसमस के दौरान ईसाई समुदाय के लोग इसका उपयोग कर रहे हैं. हालांकि आज भी भारत के ईसाई समुदाय के बीच इस फूल को लेकर विशेष जानकारी नहीं है. लेकिन विदेश से आए इस फूल की परंपरा धीरे-धीरे भारत में रहने वाले ईसाई समुदाय के लोग अपना रहे हैं.

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