रांचीः पीएम नरेंद्र मोदी खूंटी में अपने अंदाज में नजर आए. आदिवासी परंपरा में लिपटे सिर पर बांस की टोपी पहने उन्होंने प्रदेश के लोगों का अभिवादन जोहार से किया. पीएम ने कहा कि अटल जी के प्रयास से ही झारखंड राज्य का गठन हुआ था. इस मौके पर देश और राज्य को 50 हजार करोड़ की अलग अलग योजनाओं का उपहार मिला है. झारखंड भी देश की सौ फीसदी इलेक्ट्रिक रेल सेवा वाला राज्य बन गया है. मेरे परिवारजनों, जनजातीय गौरव और संघर्ष के प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा की गाथा हर देशवासी को प्रेरणा से भर देती है. झारखंड का कोना-कोना महान विभूतियों के प्रयास से जुड़ा है. तिलका मांझी, सिदो-कान्हो, नीलांबर-पीतांबर, जतरा टाना भगत जैसे अनेक वीरों से इस धरती का गौरव बढ़ा है.
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अगर हम आजादी के आंदोलन को देखें तो देश का कोई ऐसा कोना नहीं था, जहां आदिवासियों ने मोर्चा ना लिया हो. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के आदिवासी विभूतियों का देश आज भी ऋणी है. दुर्भाग्य है कि आजादी के बाद भी ऐसे वीरों के साथ न्याय नहीं हुआ. आजादी के 75 वर्ष होने पर हमने ऐसे वीर-विरांगनाओं को याद किया, उनकी वीर गाथा को अगली पीढ़ी तक पहुंचाया. झारखंड आना मुझे पुरानी स्मृतियों को ताजा करने का अवसर देता है. आरोग्य योजना की शुरूआत झारखंड से ही हुई थी. कुछ साल पहले खूंटी में सोलर पार्क से संचालित न्यायलय का शुभारंभ किया था. आज यहां से दो-दो ऐतिहासिक योजना का शुभारंभ होने जा रहा है.
खूंटी में पीएम और सीएम हेमंत सोरेन के अभूतपूर्व पल पीएम पीवीजीटी की रक्षा की जाएगी. दोनों अभियान अमृतकाल में भारत की विकास यात्रा को नई ऊर्जा देंगे. सरकार के मुखिया के तौर पर दो दशक से भी ज्यादा समय बीत गया है. देश की आकांक्षाओं को जानने समझने का मौका मिला है. उन अनुभवों के आधार पर आज एक अमृत मंत्र आपके सामने रख रहा हूं. भगवान बिरसा मुंडा की धरती से ये मंत्र रख रहा हूं. अगले 25 वर्ष में अगर हमें विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण करना है तो हमें उसके चार अमृत स्तंभों को मजबूत करना होगा. हमारी सरकार ने जितना दस साल में किया, अब उससे भी ज्यादा ऊर्जा के साथ हमें इन चार अमृत स्तंभों पर पूरी ताकत लगानी है. चार अमृत स्तंभ भारत की महिलाएं, हमारी माता-बहनें, नारी और दूसरा स्तंभ है किसान भाई, पशुपालन, मछली पालक, अन्नदाता हैं. तीसरा स्तंभ हैं भारत के नौजवान, देश की युवा शक्ति जो 25 साल में देश को आगे ले जाएंगे. चौथा अमृत स्तंभ है भारत का मध्यम वर्ग और गरीब भाई बहन. इन चार स्तंभों को हम जीतना मजबूत करेंगे, विकसित भारत की इमारत भी उतनी ही ऊंची उठेगी. बीते दस वर्षों में इन चार स्तंभों को मजबूत करने के लिए जितना काम हुआ, उतना कभी नहीं हुआ.
आज हर तरफ भारत की इस सफलता की चर्चा है. पांच वर्ष में 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. बीते कुछ वर्षों में ऐसा क्या हुआ कि इतना बड़ा परिवर्तन जमीन पर देखने को मिला. 2014 में जब हमें आपने दिल्ली की गद्दी पर बिठाया, उस दिन से हमारा सेवाकाल शुरू हुआ है. हम सेवा करने के लिए आए हैं. उस समय हमारे आने से पहले एक बहुत बड़ी आबादी मूलभूत सुविधाओं से वंचित थी. करोड़ों गरीबों ने उम्मीद भी छोड़ दी थी कि कभी उनका जीवन बदल पाएगा. सरकारों का रवैया भी ऐसा था कि खुद को जनता का माई बाप समझती थी. हमने माई बाप नहीं सेवक की भावना से काम करना शुरू किया. जो वंचित थे, हमने उन्हें वरीयता देना शुरू किया.
पीएम और सीएम हेमंत सोरेन के बीच खुशियों के पल ब्यूरोक्रेसी वही थी, कानून वही थे लेकिन हमने सोच बदली, सोच बदली तो परिणाम भी बदले. 2014 से पहले देश के गावों में स्वच्छता का दायरा 40 प्रतिशत से भी कम था. आज हम शत प्रतिशत के लक्ष्य पर पहुंच रहे हैं. 2014 से पहले एलपीजी कनेक्शन 50 प्रतिशत घरों में था आज सौ प्रतिशत घरों में महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिल चुकी है. पहले 55 प्रतिशत बच्चों को ही जीवन रक्षक टीके लग पाते थे. आज लगभग शत प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हो पा रहा है. सात दशकों में सिर्फ 17 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक नल से जल की सुविधा थी. जल जीवन मिशन की वजह से आज यह 70 प्रतिशत तक पहुंच रहा है. साथियों हम आप जानते हैं कि समाज में जिनकों उस समय मिला था, वे कौन थे, शुरूआती मलाई जिनकों मिली वो कौन थे. ये सारे रसूखदार लोग थे. जिनकी सरकार में पहुंच थी वो सुविधाएं आसानी से जुटाते थे. सरकारें उन्हीं को ज्यादा देती थी. जो लोग सरकार में पीछे थे, उनपर किसी ने ध्यान नहीं दिया. मोदी ने समाज के ऐसे वंचितों को अपनी प्राथमिकता बनाया. क्योंकि वो लोग हैं जिनके बीच मैं जिया हूं. मैंने ऐसे परिवारों की रोटी खाई है. मैंने कभी समाज के आखिरी व्यक्ति का नमक खाया है. आज भगवान बिरसा की धरती पर वो कर्ज चुकाने आया हूं.
मेरे परिवारजनों, आम तौर पर सरकारों का रवैया रहता है कि जो आसानी से हासिल हो, उस लक्ष्य को प्राप्त करो. मैंने दूसरी नीति पर काम किया. आजादी के इतने दशकों बाद भी 18 हजार गांव ऐसे थे, जहां बिजली नहीं थी. 18वीं शताब्दी वाले अंधेरे में थे. वहां बिजली पहुंचाना कठिन था. मक्खन पर लकीर तो हर कोई खींच सकता है. अरे पत्थर पर भी तो लकीर खींचनी चाहिए. मैंने 18 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया था. आपके सेवक ने उस काम को समय पर पूरा करके दिखाया. देश में 110 से ज्यादा जिले ऐसे थे जो विकास के हर पैरामीटर पर पिछड़े थे. इन जिलों पर पुरानी सरकारों पर ठप्पा लगा दिया कि ये पिछड़े हैं. आगे कुछ नहीं हो सकता. इन जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं दयनीय थी. संयोग देखिए कि इन्हीं पिछड़े जिलों में देश के सबसे ज्यादा आदिवासी परिवारों की जनसंख्या थी. अफसरों को पनिशमेंट पोस्टिंग के लिए इन्हीं जिलों में भेजा जाता था. इन जिलों को अपने हाल पर छोड़कर भारत कैसे विकसित होता. इसलिए वंचितों को वरीयता बनाया और जिलों को आकांक्षित जिला बनाकर काम शुरू किया. सबसे होनहार अफसरों को नियुक्त करने पर जोर दिया. शून्य से काम शुरू करके सफलता हासिल कर रहे हैं. झारखंड का खूंटी समेत कई जिला इसी दायरे में शामिल है. अब आकांक्षी ब्लॉक जरिए इसको विस्तार दिया जा रहा है.
पीएम और सीएम हेमंत सोरेन के बीच खुशियों के पल दशकों तक सोशल जस्टिस पर बयानबाजी होती रही. सेक्यूलरिज्म तब आता है जब भेदभाव खत्म हो जाती है. सामाजिक न्याय का भरोसा तभी मिलता है जब सबको समान और बराबरी की भावना से योजना का लाभ मिले. लेकिन दुर्भाग्य से आज भी कई राज्यों में गरीब हैं जिनके पास योजनाओं की जानकारी नहीं है. आज से विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू हो रही है. ये यात्रा 15 नवंबर को भगवान बिरसा की जयंती से शुरू होकर अगले साल 26 जनवरी तक चलाया जाएगा. इस यात्रा में सरकार मिशन मोड में देश के गांव-गांव जाएगी. हर गरीब और वंचित को योजनाओं का लाभार्थी बनाया जाएगा. आपको याद होगा कि 2018 में भी मैंने एक प्रयोग किया था. ग्राम स्वराज अभियान चलाया था. भारत सरकार के 1 हजार अफसरों को एयर कंडिशन से निकालकर गांवों में भेजा था. सात प्रमुख योजनाओं को लेकर गांव तक गये थे. उस योजना की तरह ही विकसित भारत संकल्प यात्रा से योजना सफल बनाना है.
मैं वो दिन देख रहा हूं जब हर गरीब के पास मुफ्त राशन देने वाला कार्ड होगा. उज्ज्वला कनेक्शन होगा. नल से जल होगा. मुफ्त इलाज वाला आयुष्मान कार्ड होगा. वो दिन देख रहा हूं जब हर गरीब का अपना घर होगा. हर मजदूर पेंशन योजना का लाभार्थी होगा. विकसित भारत संकल्प यात्रा एक तरह से गरीबों, माता-बहनों, नौजवानों, किसानों को मोदी की गारंटी है. मोदी की गारंटी का मतलब है गारंटी के पूरा होने की गारंटी. पीएम जन मन यानी पीएम आदिवासी न्याय अभियान. मोदी हिम्मत करके इसके लिए निकला है. कई दशकों तक आदिवासी समाज को नजरअंदाज किया गया. अटल जी की सरकार ने आदिवासियों के लिए अलग से मंत्रालय बनाया. इस समाज के लिए बजट 6 गुणा बढ़ चुका है. पीएम जन मन यानी पीएम जनजाति आदिवासी न्याय अभियान के तहत हमारी सरकार उन आदिवासी भाई बहनों तक पहुंचेगी, जिनतक कोई नहीं पहुंचा. हमने कह दिया कि वो प्रिमिटिव ट्राइब हैं. जंगलों में रहने को मजबूर हैं. रेल की आवाज भी नहीं सुनी है. देश के 22 हजार से ज्यादा गांवों में रह रहे 75 जनजातीय समुदाय की पहचान सरकार ने की है. पिछड़ों में भी जैसे अति पिछड़े होते हैं. ऐसे ही ये सबसे पीछे रह गये आदिवासी हैं. इनकी संख्या लाखों में है. इनको मूल सुविधाएं भी नहीं मिली है. कई पीढ़ियों ने स्कूल नहीं देखा. इस समाज के कौशल विकास पर ध्यान नहीं दिया. अब इन जनजातियों तक सरकार पहुंचने वाली है. पहले की सरकारों ने आंकड़ों को जोड़ने का काम किया. लेकिन मुझे आंकड़ों को जोड़कर नहीं बैठना है. हर जिंदगी को जोड़ना है, हर जिंदगी में जान भरनी है.
आज पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान यानी पीएम जन मन के साथ इसकी शुरूआत कर रहा हूं. इसपर भारत सरकार 24 हजार करोड़ रु. खर्च करने जा रही है. इस महाभियान के लिए विशेष तौर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आभार व्यक्त करना चाहता हूं. जब झारखंड में राज्यपाल थीं. जब ओड़िशा में मंत्री थीं. सामाजिक कार्यकर्ता थीं, तब ऐसे आखिरी छोर पर रहने वाले आदिवासी समुदाय के लिए दिन रात प्रयास करती थीं. राष्ट्रपति बनने के बाद भी इस समाज को बुलाती रहीं. उनकी समस्या सुलझाने के लिए चर्चा करती रहीं. उन्होंने जो प्रेरणा दी है, उनकी प्ररणा से पीएम जनमन महाभियान में जरूर सफल होंगे.
ये वर्ष माताओं, बहनों, बेटियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वरोजगार के रहे हैं. झारखंड की बेटियां खेल में जो नाम कमा रही हैं तो सीना चौड़ा हो जाता है. बेटियों की जनसंख्या बढ़ी है. शिक्षा का स्तर बढ़ा है. पीएम आवास के तहत बहनें मालकिन बनी हैं. सैनिक स्कूल का रास्ता बेटियों के लिए खोला गया है. मुद्रा योजना का लाभ उठा रही हैं. महिला स्वंय सहायता समूह को रिकॉर्ड मदद दी जा रही है. लखपति दीदी अभियान मेरा सपना है. दो करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाकर रहूंगा, आप देख लेना. कुछ माह पहले ही हमारी सरकार ने विधानसभा और लोकसभा में महिला को आरक्षण दिलाया है. भाई दूज के मौके पर उनका भाई गारंटी देता है कि बहनों के विकास में आने वाली हर रुकावट को आपका भाई ऐसे ही दूर करता रहेगा. नारी शक्ति का अमृत स्तंभ विकसित भारत में अहम भूमिका निभाएगा.
पीएम का अभिवादन करते सीएम हेमंत सोरेन दो माह पहले ही पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की है. पारंपरिक कौशल वाले कुम्हार, सोनार, बढ़ई, दर्जी, जूते बनाने वाले हमारे विश्वर्मा साथी आधुनिक ट्रेनिंग मिलेगी. ट्रेनिंग के दौरान पैसे मिलेंगे, औजार मिलेंगे, इसपर 13 हजार करोड़ रु. खर्च होंगे. मेरे परिवारजनों, आज देश के किसानों को 15वीं किश्त जारी हुई है. आपके मोबाइल पर मैसेज आ गया होगा कि 2000 रु. आ गया है. मोदी का आपसे सीधा नाता रहता है. ये वही किसान हैं जिनकी पहले पूछ नहीं होती थी. कोरोना के बाद मुफ्त टीका लगा. हजारों करोड़ खर्च किए. अब 15 हजार करोड़ खर्च कर पशुओं का मुफ्त टीकाकरण हो रहा है. मछली पालकों से मोती बनाने का काम कराया जा रहा है. दस हजार नये उत्पाद किसान संघ बन रहे हैं. इंटरनेशनल मिलेट ईयर मनाया जा रहा है. मोटे अनाज के उत्पादन का लाभ आदिवासी भाई बहनों को होगा.
रांची एयरपोर्ट पर झारखंड से विदा लेते पीएम झारखंड में नक्सली हिंसा में कमी आई है. दो वर्ष बाद यह राज्य 25 साल का हो जाएगा. इसको देखते हुए 25 योजनाएं शुरू की जा सकती हैं. उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि इस दिशा में काम किया जाए. रोजगार और शिक्षा के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. बीते नौ वर्षों में 300 से ज्यादा यूनिवर्सिटी, 550 से ज्यादा कॉलेज बने हैं. हजारों युवाओं को रोजगार मिला है. रांची में आईआईएम कैंपस, धनबाद में हॉस्टल का लोकार्पण हुआ है. हम विकसित भारत बनाएंगे. आप सभी को निमंत्रण देता हूं. भगवान बिरसा मुंडा अमर रहे, भगवान बिरसा मुंडा अमर रहे.