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राज्य सरकार को झारखंड हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत, अदालत ने सरकार की स्थानीय नीति को ठहराया सही

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Published : Sep 20, 2019, 9:58 PM IST

Updated : Sep 20, 2019, 11:00 PM IST

झारखंड सरकार की स्थानीय नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई में कोर्ट ने स्थानीय नीति को सही ठहराते हुए, याचिका को खारिज कर दिया. बता दें कि स्थानीय नीति पिछले 16 साल से लंबित था. इस नीति के जरिए स्थानीय लोगों को परिभाषित किया गया है.

झारखंड हाई कोर्ट

रांचीः राज्य सरकार को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सरकार की स्थानीय नीति को झारखंड हाई कोर्ट ने सही ठहराया है. शुक्रवार को स्थानीय नीति को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई मुख्य कार्यकारी न्यायाधीश एचसी मिश्रा और न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए सरकार की स्थानीय नीति को सही ठहराया है.

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वहीं, अदालत ने स्थानीय नीति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने माना है कि सरकार की स्थानीय नीति में कोई कमी नहीं है. अदालत में सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने कहा कि 2003 में 5 जजों की बेंच ने स्थानीय नीति में राज्य के स्थानीय व्यक्ति को तय करने का निर्देश दिया था, लेकिन सरकार ने व्यक्तियों के बदले निवासी शब्द का इस्तेमाल किया है.

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प्रार्थी के अधिवक्ता ने कहा था कि सरकार ने स्थानीय व्यक्ति तय करने की जगह स्थानीय निवासी तय करने की बात कही है. स्थानीय निवासी के नाम पर डोमिसाइल पूरे देश का होता है. इस कारण से सरकार की ओर से जारी स्थानीय नीति अवैध है. इसे निरस्त कर देना चाहिए. वहीं, सरकार की ओर से अदालत को स्थानीय नीति सही बताते हुए कहा गया कि काफी गहन मंथन के बाद सरकार ने स्थानीय नीति को लागू किया है. 16 साल से यह मामला लंबित था, इस नीति के जरिए स्थानीय लोगों को परिभाषित किया गया है. सरकार ने स्थानीय निवासी होने के लिए कई मानक तय किए हैं. इसे पूरा करने वाले को ही स्थानीय माना जाएगा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत सरकार की स्थानीय नीति को सही ठहराते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

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बता दें कि प्रार्थी आदिवासी बुद्धिजीवी मंच ने झारखंड हाईकोर्ट में स्थानीय नीति के खिलाफ याचिका दायर कर सरकार की स्थानीय नीति को अवैध बताया था. याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने स्थानीय नीति को लेकर प्रार्थी की ओर से उठाए गए बिंदुओं को सही नहीं माना है. अदालत ने सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.

Last Updated : Sep 20, 2019, 11:00 PM IST

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