सब्जी की बढ़ी कीमतों के कारण खून के आंसू रोने को मजबूर हैं लोग, किसान परेशान, बिचौलिये मालामाल
पिछले कुछ दिनों में सब्जी की कीमतों में भारी उछाल आई है. लोगों की थाली से हरी सब्जी गायब होती जा रहे हैं. एक तरफ जहां किसनों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है वहीं, दूसरी तरफ बिचौलिये इस मौके का भरपूर फायदा उठा रहे हैं.
झारखंड में सब्जियों के बढ़ी कीमतें
By
Published : Jun 7, 2021, 9:43 PM IST
|
Updated : Jun 7, 2021, 11:06 PM IST
रांची:पहले सिर्फ प्याज ही लोगों के आंसू निकलवाता था लेकिन अब सारी सब्जियां लोगों के आंसू निकलवा रही हैं. 5 से 10 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर अब 40 रुपए किलो बिक रहा है. इसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है.
झारखंड में यास तूफान के कारण लगातार हुई बारिश के कारण ही सब्जियों के रेट में काफी इजाफा हुआ है. वहीं, दूसरी तरफ लॉकडाउन और कोरोना महामारी के कारण लोग सब्जी की खेती समय से नहीं कर पाए. जिन लोगों ने खेती की उनकी फसल बारिश के कारण खेत में ही सड़ रही है.
देखें स्पेशल रिपोर्ट
यही कारण है कि लगभग सभी सब्जियों के रेट बढ़ गए हैं. सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि कोरोना के चलते कम ही लोग सब्जी खरीदने आ रहे हैं. ऐसे में मुनाफा काफी कम हो गया है. घर चलाना भी मुश्किल हो गया है.
थाली से गायब हो रही हरी सब्जी
ग्राहकों का कहना है कि कोरोना महामारी रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पहले ही खराब हो चुकी है. वहीं, दूसरी तरफ सब्जी की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के कारण घर चलाना मुश्किल हो रहा है. सब्जी की बढ़ती कीमतों के कारण गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार काफी परेशान हैं. बढ़ती महंगाई के कारण लोगों की थाली से हरी सब्जी गायब होती जा रही है.
किसान परेशान, बिचौलिये मालामाल
बाजार में सब्जी की कीमत में उछाल आई है लेकिन किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है. किसानों का कहना है कि जिस वक्त खेत से फसल निकल रही थी उस समय कोरोना के कारण स्थिति काफी खराब थी. किसान बाजार तक सब्जी नहीं पहुंचा पा रहे थे.
किसानों का कहना है कि आपदा ने पूरी तरह तबाह करके रख दिया. किसानों ने बताया कि दो लाख की पूंजी लगाकर फसल की बुआई की थी लेकिन सिर्फ 25 हजार की बिक्री हो पाई. पूरी फसल आपदा की भेंट चढ़ गई. बिचौलियों ने मौके का काफी फायदा उठाया. स्थिति खराब देख किसानों ने कम दाम पर ही फसल बेच दिया. बिचौलियों ने फायदा उठाकर कम कीमत पर सब्जी खरीद ली और अब बाजार में ऊंचे दामों पर सब्जी बेच रहे हैं.