रांची: झारखंड परिवहन विभाग की व्यवस्था की बात करें तो लगभग पूरे राज्य में परिवहन से जुड़े लोग व्यवस्था से परेशान हैं. परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोग अपनी वाहनों को सड़क पर चलाने से डरते नजर आ रहे हैं. परिवहन व्यवसायियों की मानें तो वर्तमान की राज्य सरकार पिछले तीन वर्षो में RTA (Regional Transport Authority) और STA (State Transport Authority) की गठन तक नहीं कर पाई है.
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झारखंड परिवहन विभाग की ओर से आरटीए और एसटीए का गठन नहीं होने से वाहन मालिक परेशान हैं. वाहन मालिकों ने बताया कि आरटीए (RTA) और एसटीए (STA) का गठन नहीं होने की वजह से परिवहन से जुड़े कई कार्य बाधित हैं, साथ ही नई गाड़ियों का परमिट निर्गत नहीं हो पा रहा है. जो भी वाहन मालिक अपनी नई बसें खरीदकर चलाना चाह रहे हैं वह परमिट नहीं होने के कारण सड़क पर अपनी नई बसों का परिचालन नहीं कर पा रहे हैं.
इसके अलावा बस मालिक अपनी नई बसों को सड़कों पर चोरी चुपके चलाने की कोशिश करते हैं तो उन्हें परिवहन विभाग की कार्रवाई झेलनी पड़ती है. परिवहन विभाग से जुड़े अधिवक्ता सीएमके त्रिपाठी ने बताया कि अगर एसटीए और आरटीए का गठन कर दिया जाता तो कई तरह की छोटी मोटी समस्या वाहन मालिकों को नहीं झेलनी पड़ती. वाहन मालिकों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बसें खड़ी रहने से उन्हें किसी भी तरह का आर्थिक लाभ नहीं हुआ.
जिसको लेकर राज्य सरकार और परिवहन विभाग को वाहन मालिकों के द्वारा ज्ञापन भी सौंपा गया था. लेकिन अभी-भी लॉकडाउन के दौरान लिए जा रहे टैक्स को लेकर कई वाहन मालिकों को दिक्कतें आ रही हैं. लेकिन परिवहन विभाग इस को लेकर गंभीर नहीं है. बस ऑनर्स एसोसिएशन के सदस्य अनीस बुधिया ने बताया कि राज्य के 5 क्षेत्रों में आरटीए और एसटीए का गठन होना था लेकिन अभी तक गैर सरकारी सदस्यों का चयन नहीं होने के कारण पांचों प्रमंडल क्षेत्र बिना आरटीए और एसटीए के ही चल रहे हैं.
वाहन मालिकों ने बताया कि आरटीए और एसटीए का गठन होने से बहुत तरह के छोटी बड़ी समस्याओं का समाधान हो जाएगा. क्योंकि रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बैठक महीने होती है तो स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बैठक हर तीन महीने में होती है. जिसमें समय-समय पर वाहन मालिक अपनी समस्या प्रशासन के समक्ष रखते हैं और प्रशासन उन्हें हरसंभव हल करने की कोशिश करती है. लेकिन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के सदस्यों का गठन नहीं होने के कारण यह बैठक पिछले 3 वर्ष से नहीं हुई है.
वाहन मालिकों ने बताया कि झारखंड में परमिट निर्गत नहीं होने के कारण कई वाहन मालिक दूसरे राज्यों से परमिट निर्गत करा रहे हैं. जिससे वो किसी तरह अपने वाहनों का इंस्टॉलमेंट और कर्मचारियों का खर्च निकाल सकें. पूरे मामले पर जिला परिवहन पदाधिकारी प्रवीण प्रकाश ने बताया कि इसको लेकर सचिवालय स्तर पर बातचीत जारी है जल्द से जल्द आरटीए और एसटीए का गठन कर लिया जाएगा. जितने भी वाहन राजधानी रांची में बिना परमिट की चल रही है उन पर सख्त कार्रवाई भी की जा रही है.