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नये होल्डिंग टैक्स का विरोध, पुर्नविचार करने में जुटी सरकार

झारखंड में होल्डिंग टैक्स बढ़ने (increase in holding tax) से लोग परेशान हो रहे हैं. नये होल्डिंग टैक्स को लेकर सरकार पुर्नविचार करने में जुटी है. राजधानी रांची सहित राज्य के अन्य शहरी इलाकों में घर बनाकर रह रहे हैं उनकी जेब ढीली हो रही है.

People upset due to increase in holding tax in Jharkhand
होल्डिंग टैक्स

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Published : Jun 7, 2022, 10:32 PM IST

रांचीः झारखंड में होल्डिंग टैक्स का विरोध हो रहा है. आम लोग जो राजधानी रांची सहित राज्य के अन्य शहरी इलाकों में घर बनाकर रह रहे हैं उनकी जेब ढीली हो रही है. सरकार के इस फैसले के बाद हर दो वर्ष पर शहरी क्षेत्र में बने भवन और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का एसेसमेंट होगा जबकि पहले पांच वर्ष पर करने का था.

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हेमंत सरकार ने राज्य में नये सिरे से होल्डिंग टैक्स निर्धारित (increase in holding tax) किया है. झारखंड संपत्ति कर निर्धारण नियमावली (Jharkhand Holding Tax Assessment Manual) में हुए इस बदलाव के बाद आम लोगों से लेकर छोटे बड़े व्यवसाय करनेवाले लोग परेशान हैं. फैसले के बाद होटल, बार, क्लब, जिम, विवाह हॉल से तीन गुना कर वसूल किया जा रहा है. जबकि दुकान, सिनेमा हॉल, रेस्त्रां, अतिथिशाला से पूर्व की तूलना में 2.5 गुना टैक्स की वसूली करने का प्रावधान है. सरकार के इस फैसले से हालांकि धार्मिक स्थलों को राहत दी गयी है. जहां किसी प्रकार के कर की वसूली नहीं होगी. पेट्रोल पंप और अन्य वाणिज्यिक संस्थानों में जहां भूमिगत क्षेत्र का भी उपयोग हो रहा है, वहां भूमिगत क्षेत्रफल को कारपेट एरिया में जोड़ा जाएगा.

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नये होल्डिंग टैक्स का विरोधः नये होल्डिंग टैक्स का लगातार विरोध हो रहा है और लोग परेशान (People upset due to increase in holding tax) हो रहे हैं. इसका विरोध कर रही झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स (Jharkhand Chamber of Commerce) ने सरकार के इस फैसले का आलोचना करते हुए कहा है कि व्यवसायी से लेकर आम लोग परेशान हैं. चैंबर के उपाध्यक्ष दीनदयाल वर्णवाल की मानें तो एक तरफ कोरोना की मार से लोग उबरे नहीं हैं. वहीं दूसरी तरफ सरकार ने यह फैसला लेकर लोगों को मुसीबत में डाल दिया है.

टैक्स भरने नगर निगम कॉउटर पहुंचीं दुलारी का मानना है कि इस तरह के फैसले का सबसे ज्यादा प्रभाव मध्यमवर्गीय परिवार पर पड़ता है, जिसके कारण हर कोई परेशान है. सुविधा के नाम पर नगर निगम कुछ भी मुहैया नहीं कराता उसपर से टैक्स का बोझ बढ़ता जा रहा है. हैरानी की बात यह है कि आम लोगों की परेशानी की जानकारी सरकार को भी होने के बावजूद अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.

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सरकार के मंत्री आलमगीर आलम भी मानते हैं कि होल्डिंग टैक्स को लेकर मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचा है और सरकार इस पर विचार कर रही है. इधर सरकार में शामिल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष गीता कोड़ा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नये होल्डिंग टैक्स पर पुर्नविचार करने का आग्रह किया है. नये होल्डिंग टैक्स को लेकर विरोध जारी है. रांची नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर सहित सभी वार्ड सदस्यों ने लोगों से नये होल्डिंग टैक्स के तहत पैसा जमा नहीं करने को कहा है. वहीं सरकार के निर्देश पर अधिकारी इसे सख्ती से लागू करने को आमादा हैं.

नये होल्डिंग टैक्स से इस तरह देना होगा करः नये होल्डिंग टैक्स को लेकर पिछले महीने गजट प्रकाशित की जा चुकी है. प्रकाशित गजट के अनुसार लोगों को अब संपत्ति कर जमीन की सर्किल दर के हिसाब से देना होगा. पूर्व में मुख्य सड़क को 20 से 40 फीट के बीच को माना गया था, जिसे अब 40 फीट से अधिक के तौर पर कर दिया गया है. मुख्य सड़क पर स्थित भवनों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से अधिक कर की वसूली होती है. इसके अलावा भवनों को पूर्णत: आवासीय, पूर्णत: औद्योगिक, अंशत: आवासीय अथवा वाणिज्यिक श्रेणी में बांटकर टैक्स की वसूली होगी. बिल्डिंग पर लगे मोबाइल टावर को पूरी तरह से वाणिज्यिक प्रयोजन मानते हुए कर की वसूली होगी. इसके साथ ही अगर किसी मकान पर विज्ञापन या होर्डिंग का प्रयोग किया गया है तो इस होर्डिंग को मकान के क्षेत्रफल में जोड़कर कर की वसूली की जाएगी.

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