रांचीः ठंड के मौसम में पैसे वाले अमीर लोग तो भौतिक संसाधनों से लैस होकर ठंड की शीतलहर और कंपकपी से बच जाते हैं. लेकिन गरीब और आम लोगों के लिए ठंड का मौसम मानो आफत हो जाता है. खासकर वैसे लोग जो सड़क पर और खुले आसमान के नीचे पना व्यवसाय करने को मजबूर हैं, जैसे रिक्शा चालक, टेंपू चालक, फुटपाथ दुकानदार.
इसको लेकर ईटीवी की टीम ने जब रविवार देर शाम राजधानी रांची की विभिन्न जगहों का जायजा लिया. जिसमें ये बातें सामने आईं कि अलाव की व्यवस्था कई जगहों पर नहीं है. जिस वजह से टेंपू चालक, रिक्शा चालक और फुटपाथ पर दुकान चलाने वाले दुकानदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रांची के हिनू चौक, बिरसा चौक, राजेंद्र चौक, ओवर ब्रिज सहित विभिन्न चौक चौराहों पर जिला प्रशासन की ओर से अलाव की व्यवस्था नदारद दिखी.
टेंपू चलाने में लगती है ठंड
ई-रिक्शा चालक सुमन कुमारी बताती हैं कि खुले में टेंपो चलाने के कारण कई बार बहुत ज्यादा ठंड महसूस होता है. लेकिन आग की व्यवस्था नहीं रहने के कारण हम लोग ठंड में ठिठुरने को मजबूर हो जाते हैं. इसीलिए जिला प्रशासन और सरकार से गुहार लगाते हैं कि राजधानी के विभिन्न चौक पर आग या अलाव की व्यवस्था की जाए. जिससे हम ऑटो चालक इस शीतलहर और ठंड में खुद को राहत महसूस कर सकें.
ठंड के मारे मजबूरन घर चले जाते हैं
ऑटो चालक संजय कुमार बताते हैं कि एयरपोर्ट और धुर्वा जैसे इलाकों में देर शाम होते ही अत्यधिक ठंड का एहसास होता है. ऐसे में हम शाम होने से पहले ही घर जाने को मजबूर हो जाते हैं. जिससे हमारी कमाई पर खासा असर पड़ता है और हमारा परिवार भी प्रभावित होता है. अगर सरकार और जिला प्रशासन जगह-जगह पर अलाव की व्यवस्था करा दे तो हम लोग देर शाम तक टेंपू चला सकेंगे और लोगों को सेवा भी दे सकेंगे.
वहीं यात्री बताते हैं कि ऑटो चालकों के लिए निश्चित रूप से चौक चौराहों पर अलाव और आग की व्यवस्था होनी चाहिए. जिससे कि सभी ऑटो चालक इस ठंड में खुद को बीमार होने से बचा पाएंगे और हम यात्रियों को भी देर शाम तक ऑटो सेवा मिल पाएगी.