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ठंड है प्रचंडः बढ़ती ठंड में राजधानी में अलाव नदारद, देखिए ईटीवी भारत की पूरी पड़ताल - राजधानी में अलाव की कमी

राजधानी रांची में ठंड के मौसम में प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था ना होने से रिक्शा चालक,टेंपो चालक फुटपाथ वाले दुकानदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है.

people upset due to absence of bonfire in cold in ranchi
अलाव नदारद

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Published : Dec 28, 2020, 4:45 AM IST

रांचीः ठंड के मौसम में पैसे वाले अमीर लोग तो भौतिक संसाधनों से लैस होकर ठंड की शीतलहर और कंपकपी से बच जाते हैं. लेकिन गरीब और आम लोगों के लिए ठंड का मौसम मानो आफत हो जाता है. खासकर वैसे लोग जो सड़क पर और खुले आसमान के नीचे पना व्यवसाय करने को मजबूर हैं, जैसे रिक्शा चालक, टेंपू चालक, फुटपाथ दुकानदार.

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अलाव से मिलती है राहतगरीब और आम लोगों के लिए ठंड में कुछ सहारा होता है तो वह है अलाव और आग की व्यवस्था इसीलिए जरूरी है. वैसे लोगों के लिए सरकारी स्तर पर अलाव का इंतजाम हो सके. जिससे वह आग ताप पर इस कड़ाके की ठंड में राहत महसूस कर सके.अलाव को लेकर ईटीवी की पड़ताल

इसको लेकर ईटीवी की टीम ने जब रविवार देर शाम राजधानी रांची की विभिन्न जगहों का जायजा लिया. जिसमें ये बातें सामने आईं कि अलाव की व्यवस्था कई जगहों पर नहीं है. जिस वजह से टेंपू चालक, रिक्शा चालक और फुटपाथ पर दुकान चलाने वाले दुकानदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रांची के हिनू चौक, बिरसा चौक, राजेंद्र चौक, ओवर ब्रिज सहित विभिन्न चौक चौराहों पर जिला प्रशासन की ओर से अलाव की व्यवस्था नदारद दिखी.

टेंपू चलाने में लगती है ठंड

ई-रिक्शा चालक सुमन कुमारी बताती हैं कि खुले में टेंपो चलाने के कारण कई बार बहुत ज्यादा ठंड महसूस होता है. लेकिन आग की व्यवस्था नहीं रहने के कारण हम लोग ठंड में ठिठुरने को मजबूर हो जाते हैं. इसीलिए जिला प्रशासन और सरकार से गुहार लगाते हैं कि राजधानी के विभिन्न चौक पर आग या अलाव की व्यवस्था की जाए. जिससे हम ऑटो चालक इस शीतलहर और ठंड में खुद को राहत महसूस कर सकें.

ठंड के मारे मजबूरन घर चले जाते हैं

ऑटो चालक संजय कुमार बताते हैं कि एयरपोर्ट और धुर्वा जैसे इलाकों में देर शाम होते ही अत्यधिक ठंड का एहसास होता है. ऐसे में हम शाम होने से पहले ही घर जाने को मजबूर हो जाते हैं. जिससे हमारी कमाई पर खासा असर पड़ता है और हमारा परिवार भी प्रभावित होता है. अगर सरकार और जिला प्रशासन जगह-जगह पर अलाव की व्यवस्था करा दे तो हम लोग देर शाम तक टेंपू चला सकेंगे और लोगों को सेवा भी दे सकेंगे.

वहीं यात्री बताते हैं कि ऑटो चालकों के लिए निश्चित रूप से चौक चौराहों पर अलाव और आग की व्यवस्था होनी चाहिए. जिससे कि सभी ऑटो चालक इस ठंड में खुद को बीमार होने से बचा पाएंगे और हम यात्रियों को भी देर शाम तक ऑटो सेवा मिल पाएगी.

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प्रशासन ने दिया जल्द व्यवस्था का आश्वासन

इसको लेकर हमने जब रांची के एसडीओ से बात कि तो उन्होंने बताया कि अलाव की व्यवस्था के लिए उपायुक्त के स्तर पर गाइडलाइन जारी कर दिए गए हैं. साथ ही सभी अंचलाधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं. सभी अपने-अपने क्षेत्रों में अलाव की व्यवस्था करें. ताकि गरीब और सड़क किनारे रहने वाले लोग ठंड में राहत महसूस कर सकें. उन्होंने यह भी कहा कि रांची के शहरी इलाकों में भी ऑटो चालक और रिक्शा चालक जैसे लोगों के लिए अलाव की व्यवस्था कराने के आदेश दिए गए हैं. अगर कहीं पर कोई कमी रही है तो वैसे जगह पर भी जल्द से जल्द आग और अलाव की व्यवस्था कर दिए जायेंगे.


ठंड की चपेट में राजधानी

रांची जिले में फिलहाल न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी कम मापा गया है साथ ही शीतलहर का भी असर देखा जा रहा है. जिस वजह से कनकनी और कंपकंपी भी महसूस हो रही है. ऐसे में जो लोग संसाधन से भरे हैं, वह तो ठंड में घरों के अंदर या फिर अन्य संसाधन का उपयोग कर ठंड से खुद का बचाव कर ले रहे हैं. जो लोग सड़क पर में रहने को विवश हैं, वैसे लोगों के लिए आग और अलाव की व्यवस्था एकमात्र उपाय है. इसीलिए जरूरत है कि जिला प्रशासन अलाव की व्यवस्था राजधानी के विभिन्न चौक चौराहे पर कराएं ताकि आम और गरीब तबके के लोग इस कनकनी से खुद का बचाव कर सकें.

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