रांचीः गोवा में समुद्र तट पर दो नाबालिग लड़कियों के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत अपनी टिप्पणी से कड़ी आलोचना के शिकार हो रहे हैं. झारखंड में भी आम से लेकर खास लोग भी उनके बयान की निंदा कर रहे हैं, उन्होंने इस बयान को शर्मनाक बताया है.
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रविवार को गोवा में दो नाबालिग के साथ कथित दुष्कर्म के मामले को लेकर राज्य विधानसभा में बुधवार को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Chief Minister Pramod Sawant) अपनी टिप्पणी के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं. जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि माता-पिता को यह आत्ममंथन करने की जरूरत है कि उनके बच्चे रात में इतनी देर तक समुद्र तट पर क्यों थे.
महिलाओं में खासी नाराजगी
राजधानी रांची की महिलाओं ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के इस बयान को शर्मनाक करार दिया है. रीता चौधरी ने सीधे तौर पर कहा कि कम से कम उन्हें अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए, उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था. इसका यही मतलब है कि लड़कियों को रात में नहीं निकलना चाहिए. सीएम को चाहिए कि दोषियों को सजा दें ना कि ऐसा बयान देकर अपराधियों का बचाव करें.
वहीं अनीता देवी का कहना है कि एक लड़की को इस स्वतंत्र देश में आजाद महसूस करना चाहिए. एक लड़की को आजादी होनी चाहिए कि वो दिन-रात देश के किसी भी हिस्से में आ-जा सके. लेकिन ऐसी घटना पर गोवा सीएम का ऐसा बयान देना काफी शर्मनाक है.
बीजेपी के संस्कार की झलक है बयान- सुप्रियो भट्टाचार्य
जेएमएम केंद्रीय महासचिव ने गोवा सीएम के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि किसी सीएम के मुंह से ऐसा बयान शर्मनाक और निराशाजनक है. ऐसी घटनाओं पर बयान ना देकर दोषियों और अपराधियों को सजा देनी चाहिए. आगे सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि लड़कियां बीजेपी के शासन में डरी-सहमी हुई हैं, उनके लिए कोई सुरक्षा नहीं है.
आरोप नहीं, कानून-व्यवस्था ठीक रखने की जरूरत