रांचीः बरसात के मौसम में अगर आप राजधानी की सड़कों पर चल रहे हैं तो सावधान होकर चलें. आपकी थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. यह बात इसलिए कही जा रही है कि राजधानी के रांची नगर निगम क्षेत्र में ऐसे करीब 50 जोखिम से भरा खतरनाक नालें हैं जो बरसात के समय सिरदर्द बन जाते हैं.
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बारिश में नाला भरने से परेशानी और बढ़ जाती है. खुले नाले के बगल से बना आम रास्ता बरसात के समय दुर्घटना होने का गवाह पहले भी बनता रहा है. जिसमें आम लोगों के साथ मवेशी भी गिरकर मरते रहे हैं. 2019 में हिंदपीढ़ी के नाला रोड में पांच साल की फलक की मौत हो गयी. वहीं 2021 में अंबा नगर में वृद्ध अजय अग्रवाल की नाले मे बहने से हुई मौत के बाद भी नगर निगम ने इस दिशा में गंभीरता से कदम नहीं उठाया.
लेकिन इतना जरूर किया कि सुरक्षा के नाम पर इन खतरनाक नालों के सामने चेतावनी भरा बोर्ड और रेड रिबन लगाकर अपनी जिम्मेदारी को इतिश्री कर ली है. हरमू इलाके में रहने वाले अर्जुन कहते हैं कि उनके इलाके में ऐसा नाला है जिसमें बड़ा जानवर के गिरकर मौत हो चुकी है. इसके बाबजूद सरकार ने सुध नहीं ली है. इस रास्ते से गुजरने वाले हरेक व्यक्ति बरसात के समय संभलकर चलते हैं. क्योंकि नाला और सड़क दोनों पर जलजमाव की वजह से एक जैसा हो जाता है. जिसमें थोड़ा सा भी धोखा हुआ तो यह जानलेवा साबित हो जाएगा.
नगर निगम का उदासीन रवैयाः रांची में ड्रैनेज सिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए अब तक करोड़ों रुपया खर्च हो चुका है. इसके बावजूद नगर निगम क्षेत्र में इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. रांची नगर निगम प्रशासन हर साल की तरह इस बार भी बरसात के वक्त खतरनाक नालों को ढकने के बजाय उसके सामने चेतावनी भरा बोर्ड और रेड रिबन लगाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेने में जुटी है. नगर निगम के अपर प्रशासक कुंवर सिंह पाहन के अनुसार फंड के अनुरूप निगम द्वारा ओपन नाला को ढकने के लिए प्लानिंग की जाती है. पहले 50 खतरनाक नाला थे जिसमें कमी आई है. इसके अलावे नाला-नाली को अतिक्रमणमुक्त करने की कारवाई की जा रही है. बहरहाल आवश्यकता इस बात कि है कि समय रहते इन खुले नालों को ढका जाए, जिससे बरसात के समय किसी घटना की पुर्नावृति ना हो.