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बजट 2020: रांची में ट्राइबल म्यूजियम पर खुशी का माहौल, कहा- आदिवासियों के लिए होगा मील का पत्थर

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को मोदी सरकार 2 का दूसरा बजट पेश किया है. इस बजट में रांची में ट्राइबल म्यूजियम बनाए जाने की बात कही गई है. जिसके बाद से ही रांची के लोगों में खुशी देखी जा रही है. वहीं, जेएमएम नेता महुआ माजी, पद्मश्री मधु मंसूरी हसमुख ने मील का पत्थर बताया है.

people expressed happiness over the creation of Tribal Museum in Ranchi
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Published : Feb 1, 2020, 4:57 PM IST

रांची:केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को मोदी सरकार 2 का दूसरा बजट पेश किया है. इस बजट में रांची में ट्राइबल म्यूजियम बनाए जाने की बात कही गई है.

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शोध के लिए यह म्यूजियम बनाए जाएंगे. झारखंड के आदिवासियों को इससे काफी फायदा मिलेगा. वित्त मंत्रालय के इस निर्णय को मशहूर नागपुरी गीतकार पद्मश्री मधु मंसूरी हसमुख ने मील का पत्थर बताया है. उन्होंने खुशी भी जाहिर की है, साथ ही इसे लेकर अन्य लोगों ने भी अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दी है.

दरअसल, इस बजट में देश में कुछ आइकोनिक म्यूजियम के तहत रांची में भी ट्राइबल म्यूजियम बनाने का ऐलान किया गया है. जिससे झारखंड के आदिवासियों को फायदा मिले और उनसे जुड़ी तमाम गतिविधियां इस म्यूजियम में हो. हालांकि, आदिवासियों से जुड़े म्यूजियम झारखंड में हैं, लेकिन फिर भी यह म्यूजियम बाकी से कुछ अलग होगा. जहां रिसर्च की भी व्यवस्था होगी.

इसके अलावा इस बजट में अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए 2020 -21 में 53,700 करोड़ का प्रावधान है. इन तमाम बिंदुओं को लेकर लोगों से जब प्रतिक्रिया ली गई, तब पद्मश्री मधु मंसूरी हसमुख ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ट्राइबल से जुड़े इस तरीके का ऐलान काफी सुखद सूचना है.

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इस म्यूजियम से झारखंड के आदिवासियों को फायदा मिलेगा. वहीं जेएमएम नेता महुआ माजी ने कहा कि ट्राइबल के लिए किए गए ऐलान अच्छा है, लेकिन इसकी जरूरत रांची में नहीं बल्कि झारखंड के किसी अन्य जिले में थी. प्रोफेसर अशोक नाग ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी लगातार आदिवासियों के बेहतरी के लिए प्रयासरत है. इसलिए इस बजट में ट्राइबल म्यूजियम का होना भी एक अच्छा संकेत है.

आदिवासी वर्ग केंद्र सरकार के वित्त विभाग के इस निर्णय का स्वागत किया है. साथ ही से जल्द से जल्द धरातल पर उतारने की बात भी कही गई है. प्रबुद्ध लोगों की माने तो आदिवासियों के हित के लिए गए फैसले सराहनीय है.


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