रांची: झारखंड के साइबर अपराधियों के शिकार देश भर के लोग हो रहे हैं. दूसरे राज्यों की पुलिस लगातार झारखंड पुलिस से इस मामले में मदद मांग रही है. पिछले साल 1242 मामलों में दूसरे राज्यों की पुलिस ने झारखंड पुलिस से मदद मांगी.
क्या कहते हैं आंकड़े
झारखंड पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, 28 दिसंबर 2020 तक अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने झारखंड से साइबर अपराध के 1242 मामलों के अनुसंधान में मदद मांगी. इसमें से झारखंड पुलिस ने 886 मामलों की जांच पूरी कर बाहरी राज्यों को पुलिस को भेज दी. वहीं, 305 मामलों में अनुसंधान जारी है.
कहां से हुई सर्वाधिक ठगी
देश भर के लोग झारखंड के साइबर अपराधियों के हो रहे शिकार, दूसरे राज्यों की पुलिस ने 1242 मामलों में मांगी झारखंड पुलिस की मदद
जामताड़ा के साइबर अपराधियों के कारण झारखंड को देशभर में फजीहत उठानी पड़ी है, लेकिन जामताड़ा से अधिक अब देवघर जिले से राज्य के बाहर के लोगों से साइबर अपराध को अंजाम दिया जा रहा है. देवघर साइबर अपराधियों के नए गढ़ के तौर पर उभरा है.
राज्य के देवघर जिले से सर्वाधिक ठगी के 333 मामले सामने आए, वहीं जामताड़ा जिले से 218, गिरिडीह से 156, धनबाद से 121 मामले सामने आए. बाहरी राज्यों से एसपी साइबर क्राइम को 157, एसपी हजारीबाग को 16, एसएसपी रांची को 27, एसपी गढ़वा को दो, पलामू से तीन, लातेहार से चार, कोडरमा से तीन, रामगढ़ से आठ, बोकारो से 27, खूंटी व पश्चिमी सिंहभूम से 11-11, जमशेदपुर से 19 मामलों में बाहरी राज्यों की पुलिस ने मदद मांगी. राज्य पुलिस के आंकड़ों की मानें तो साइबर अपराधियों की सक्रियता देवघर, जामताड़ा, गिरिडीह और धनबाद जिले में सर्वाधिक रही.
राज्य में रांची जिले में साइबर अपराध के सर्वाधिक मामले दर्ज हुए. रांची में 290 केस जबकि राज्य में साइबर अपराध के कुल 1240 केस इस साल पुलिस ने दर्ज किए. वहीं बीते साल पुलिस ने साइबर अपराध के 1385 केस दर्ज किए थे. रांची के बाद देवघर में 98, हजारीबाग में 86, देवघर में 56, रामगढ़ में 68, जमशेदपुर में 52, धनबाद में 70 साइबर अपराध के केस दर्ज किए गए. वहीं, पुलिस ने 517 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से पुलिस ने 41.59 लाख रुपए बरामद किए.