रांची: कोलकाता में 17 दिसंबर को होने वाली पूर्वी क्षेत्रीय अंतरराज्यीय परिषद की बैठक (Eastern Regional Interstate Council) में झारखंड-बिहार के बीच पेंशन विवाद (Pension dispute between Jharkhand Bihar) एक बार फिर उठेगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में होने वाली यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण है. झारखंड ने राज्य हित और अंतरराज्यीय सहयोग-मतभेद के कई अन्य मुद्दे उठाने की तैयारी की है. इनमें नक्सलवाद, पानी का बंटवारा जैसे विषय भी शामिल हैं. पूर्वी क्षेत्रीय अंतरराज्यीय परिषद में पांच राज्य बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड और सिक्किम शामिल हैं. यह बैठक पश्चिम बंगाल के राज्य सचिवालय नबान्न के सभागार में आयोजित होगी. मेजबान राज्य होने के नाते बैठक की अध्यक्षता ममता बनर्जी करेंगी. बैठक में झारखंड की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन या उनके प्रतिनिधि के तौर पर किसी मंत्री के भाग लेने की संभावना है.
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झारखंड सरकार पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के जरिए बिहार के साथ पेंशन देनदारी का जो विवाद सुलझाना चाहती है, वह सालों पुराना है. बिहार की सरकार पेंशन मद में झारखंड को चार हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्जदार बता रही है, जबकि झारखंड का कहना है कि बिहार उसपर अनुचित और अतार्किक तरीके से बोझ लाद रहा है. इसे लेकर झारखंड की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर कर रखा है. चूंकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने में वक्त लग सकता है, इसलिए सरकार क्षेत्रीय परिषद के जरिए इसका समाधाना चाहती है.