रांची:पेंशन आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से जिले के सरकारी स्कूलों से रिटायर्ड 25 शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारियों को पेंशन के साथ मान सम्मान भी दिया गया. इस मौके पर क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक अरविंद विजय बिलूंग मौजूद रहे.
पेंशन आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन
रांची के जिला स्कूल सभागार में पेंशन आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. रांची जिला से रिटायर्ड प्राथमिक, माध्यमिक और प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारियों को उनके पेंशन का पूरा लाभ प्रदान किया गया. क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक अरविंद विजय बिलूंग ने सभी रिटायर्ड टीचरों को सम्मानित किया. क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक अरविंद विजय बिलूंग ने ही पेंशन आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत कुछ साल पहले की थी. रिटायरमेंट के साथ ही शिक्षकों को पेंशन के सारे लाभ मिल गए, यह एक बड़ी पहल है. इसमें सरकारी स्कूल के साथ-साथ माइनॉरिटी स्कूल के शिक्षक भी सम्मानित किए गए हैं. रांची जिला स्कूल के रिटायर्ड प्रिंसिपल आशुतोष कुमार सिंह ने कहा कि आगे भी पठन-पाठन जारी रहेगा. आशुतोष कुमार सिंह ने 32 वर्षों की सेवा शिक्षा जगत में दी, अमूमन सरकारी व्यवस्था में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी परेशान रहता है, लेकिन रांची जिला के सरकारी विद्यालयों से रिटायर्ड शिक्षकों को रिटायरमेंट के साथ ही पेंशन का पूरा लाभ उनके हाथों में सौंपा गया. यह देख कर सभी रिटायर्ड शिक्षक खुश नजर आ रहे थे.
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रांची: पेंशन आपके द्वार कार्यक्रम का किया गया आयोजन, 25 रिटायर्ड टीचर हुए सम्मानित
रांची में पेंशन आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन स्कूल सभागार में किया गया. जहां क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक अरविंद विजय बिलूंग ने 25 रिटायर्ड टीचरों को सम्मानित किया गया.
सेवानिवृत्त शिक्षकों का लाभ भी लेगा शिक्षा विभाग
मौके पर दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के उप शिक्षा निदेशक अरविंद विजय बिलुंग ने कहा कि राज्य में शिक्षकों की कमी है और 2021 में काफी संख्या में शिक्षक रिटायर हो रहे हैं. जनवरी महीने में सिर्फ रांची जिला में सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले 25 शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं. इन शिक्षकों के पास पढ़ाने का अनुभव काफी लंबा रहा है. पिछले 32 से 35 वर्षों तक अध्यापन का कार्य किया है. रांची जिला शिक्षा पदाधिकारी सह क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक अरविंद विजय ने कहा है इन शिक्षकों के अनुभव का लाभ लिया जाएगा. जो शिक्षक स्वेच्छा से बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं, उनका स्वागत किया जाएगा. कई ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने खुद भी कहा है कि शिक्षा से जुड़े रहना चाहते है.