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पतरातू घाटी बना पर्यटन का हब, हसीन वादियों को लोग कैमरे में कर रहे कैद - पिठोरिया थाना के बाद पतरातु घाटी

रांची से 45 किमी दूर पतरातू घाटी झारखंड के मुख्य पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित हो चुका है. झारखंड के अलग-अलग जगहों से लोग इस बेहतरीन दृश्य का लुफ्त उठाने के लिए आते हैं और अपने कैमरों में इस दुर्लभ तस्वीर को कैद कर ले जाते हैं.

पतरातू घाटी

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Published : Oct 3, 2019, 5:47 PM IST

Updated : Oct 3, 2019, 9:46 PM IST

रांचीः अगर आपको घूमने का शौक है और नेचर से लगाव है तो अब आप झारखंड के पतरातू की हसीन वादियों में जाकर इसका भरपूर आनंद ले सकते हैं. इस घाटी की हरियाली आपको शिमला, ऊटी और मनाली की याद दिलाएगी. राजधानी रांची से 45 किलोमीटर दूर पिठोरिया थाना के बाद पतरातु घाटी के घुमावदार सड़कें, रोड के किनारे हरे-भरे साल और दूसरे खूबसूरत पेड़-पौधों के अलावा खूबसूरत डैम का नजारा सबका मन मोह रहा है.

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रोजाना आते हैं सैकड़ों पर्यटक

पतरातू घाटी में रोजाना सैकड़ों पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं. पिठोरिया थाना के बाद खूबसूरत घाटी शुरू होती है. पूरी घाटी में करीब 15 किलोमीटर लंबी घुमावदार सड़कें पर्यटकों को रोमांचित कर देती है. इस घाटी में ऊंचे-उंचे पहाड़ों के बीच से रास्ता निकाली गई है, रास्ते से गुजरने पर दिलकश नजारा दिखता है. रास्ते में कई जगह ऐसे हैं, जहां पर रुक कर प्रकृति को निहारा जा सकता है. लोग इन यादों को अपने मोबाइल या कैमरे में संजोकर घर ले जाते हैं. पर्यटक सेल्फी स्पॉर्ट और फोटो शूट्स का लुप्त उठाते हैं. घाटी के खत्म होते ही पतरातू डैम पिकनिक स्पॉट है, जिसके लेक रिजॉर्ट प्रोजेक्ट का उद्घाटन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गांधी जयंती के दिन किया.

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प्रकृति के गोद में बैठा घाटी

पर्यटकों का माने तो पतरातू घाटी काफी विकसित हो चुका है. घाटी में हर तरफ हरियाली मनमोहक दृश्य लोगों को दोबारा आने पर मजबूर कर देती है. पर्यटकों का कहना है कि यहां काफी सेफ्टी है. बरसात के दिनों में यहां का दृश्य काफी मनमोहक होता है, पर्यटन विभाग को लोगों को यहां तक पहुंचने के लिए सुविधा प्रदान करनी चाहिए.

Last Updated : Oct 3, 2019, 9:46 PM IST

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