रांचीः राजधानी के कचहरी स्थित जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम राज्य का पहला स्टेडियम है जो कई खेल आयोजनों का गवाह बना है, लेकिन आज यह स्टेडियम अपने ही बदहाली का रोना रो रहा है. इस स्टेडियम में एक होनहार खिलाड़ी का जान भी गया है. फिलहाल इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं है, लेकिन खेल से जुड़े लोगों ने इस स्टेडियम को एक बार फिर जीवंत देखना चाहते हैं.
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जर्जर है स्थिति
जयपाल सिंह मुंडा पहचान के मोहताज नहीं है. वह भारत के पहले हॉकी कप्तान रहे, जिन्होंने भारत को पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल दिलवाया था. उन्हीं के नाम से झारखंड में पहला जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम का निर्माण कचहरी के समीप हुआ था. इस स्टेडियम में कई खेलों का आयोजन भी हुआ है, जिसका गवाह यह स्टेडियम खुद है. लेकिन आज यह स्टेडियम बदहाली का रोना रोने को मजबूर है. फिलहाल इस ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है. इसी स्टेडियम परिसर में अटल स्मृति भवन बना है. वह भी जमीन जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम का ही है. लेकिन स्टेडियम के मुख्य स्थानों का अब तक जीर्णोद्धार नहीं हुआ है. बल्कि इसी स्टेडियम परिसर पर बगल में बन रहे रविंद्र भवन के मिट्टियों का डंप भी यहां हो रहा है.
इस मामले को लेकर रघुवर सरकार के नगर विकास मंत्री ने 2 वर्ष पहले ही कहा था कि अटल स्मृति वेंडर मार्केट के साथ-साथ जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम का भी जीर्णोद्धार होगा. वेंडर मार्केट तो बन कर तैयार हो गया, लेकिन जयपाल सिंह मुंडा के नाम से स्टेडियम आज भी बदहाली का रोना रोने को विवश है. हालांकि अब नए सरकार से लोगों की उम्मीदें जगी है. हॉकी झारखंड से जुड़े पदाधिकारियों ने भी कहा है कि आने वाले समय में यह सरकार इस और ध्यान देगी.