रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम अक्सर अपनी ही पार्टी की सरकार को लेकर मुखर रहने के कारण चर्चा में बने रहते हैं. कई बार यह भी लगता है कि क्या बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम के लिए अपने सुप्रीम नेताओं की सलाह और संदेश कोई मायने नहीं रखता, क्या उन्हें किसी अनुशासनात्मक कार्रवाई का डर नहीं है. लेकिन इसको लेकर जेएमएम नेता विनोद पांडेय ने कहा कि उन पर और उनके बयान पर पार्टी की पैनी नजर (party keeping eye on JMM MLA Lobin Hembrom) है.
इसे भी पढ़ें- दुमका में जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने फिर अपने ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, एक माह का दिया अल्टीमेटम
सरकार के खिलाफ बागी रहने वाले विधायक लोबिन हेंब्रम को लेकर वर्तमान में यह सवाल इसलिए फिर से उठने लगे हैं. क्योंकि लोबिन हेंब्रम ने संथाल में खुलेआम सरकार को कल्याण विभाग के अंतर्गत चलने वाले हॉस्टलों की स्थिति में सुधार का समयबद्ध अल्टीमेटम दिया है, ये बातें उन्होंने पब्लिकली कही हैं. पार्टी नेता विनोद पांडेय ने कहा कि लोबिन हेंब्रम के बयान से पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और केंद्रीय अध्यक्ष वाकिफ हैं.
राज्य में चल रही महागठबंधन सरकार में समन्वय समिति में सदस्य और झामुमो नेता विनोद पांडेय ने कहा कि अगर सरकार या पार्टी को कोई सलाह देना है या निंदा करनी है तो उसके लिए भी एक स्थान चिन्हित है. पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने केंद्रीय समिति की बैठक में स्पष्ट आदेश दिया था कि अगर कोई बात कहनी हो तो उसके लिए उचित जगह है, जहां अपनी बात रखें, कोई ऐसा काम न करें कि अपनी ही सरकार पर आपके बयान के आधार पर विपक्ष को कुछ बोलने का मौका मिल जाए. उन्होंने कहा पार्टी नेतृत्व का स्पष्ट मानना है कि पार्टी में किसी भी तरह का अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
विनोद पांडेय ने कहा कि सवाल अल्टीमेटम का नहीं है बल्कि अनुशासन का है. जिस मुद्दे को उन्होंने उठाया है, उसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का विधानसभा के अंदर विजन और जवाब आ गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य के सभी कल्याण विभाग के अंतर्गत आने वाले हॉस्टल का जीर्णोद्धार कराया जाएगा और वहां सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी. विनोद पांडे ने कहा कि जिस तरह के बयानबाजी लोबिन हेंब्रम कर रहे हैं, वह सब झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के संज्ञान में है और वह इस पर फैसला लेंगे.
क्या है लोबिन हेंब्रम के नए अल्टीमेटम का मामलाः दिसंबर महीने के पहले ही दिन दुमका में कल्याण विभाग के हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के साथ धरने पर बैठे. साथ ही सरकार को अल्टीमेटम दिया कि एक माह के अंदर अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो वह दुमका के गांधी मैदान में धरना पर बैठेंगे. साथ ही लोबिन हेंब्रम ने कहा कि यह राज्य किसके लिए बना था, जब तक आदिवासी छात्रों को हॉस्टल नहीं है तो यह शर्म की बात है, इनकी लड़ाई हम ही लड़ रहे हैं और आरपार की लड़ाई लड़ेंगे (JMM MLA Lobin Hembrom statement).