रांची: पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवकों ने पांच सूत्रों मांगों को लेकर सत्ताधारी दल झामुमो के दफ्तर के सामने नंग धड़ंग प्रदर्शन किया. इससे पहले स्वयंसेवकों ने झामुमो दफ्तर के बाहर मार्च निकाला. हाथों में तख्तियां थीं जिनपर लिखा था कि "युवाओं को ठगना बंद करो, उचित मानदेय देना होगा". राज्य स्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयं सेवक संघ के चंद्रदीप कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि पूरे राज्य में स्वयंसेवकों की संख्या 18 हजार है. आज इस नंग धड़ंग प्रदर्शन में हजारों स्वयंसेवक शामिल हुए हैं. एक प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों से झामुमो के प्रतिनिधि को दोबारा अवगत कराएगा.
झामुमो ऑफिस के बाहर नंग धड़ंग प्रदर्शन, पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवकों का आरोप, हेमंत सरकार ने की वादाखिलाफी
पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों ने मंगलवार को झामुमो ऑफिस के बाहर नंग धड़ंग प्रदर्शन किया. उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. Panchaayat Sachivaalay Swayamsewak protest.
Published : Nov 7, 2023, 3:41 PM IST
|Updated : Nov 7, 2023, 6:03 PM IST
स्वयंसेवकों ने हेमंत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में साल 2016 में उनकी बहाली हुई थी. तब पंचायतों में विकास कार्यों के लिए उन्हें अच्छा खासा इंसेंटिव मिलता था. जन्म प्रमाण पत्र, पीएम आवास योजना, मृत्यु प्रमाण पत्र और राशन कार्ड में नाम जोड़ने और गलत नाम को हटाने के बदले इंसेंटिव मिलता था. लेकिन अब इंसेंटिव पर भी आफत हो गई है.
दरअसल, 14 अक्टूबर को भी पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवकों ने झामुमो कार्यालय का घेराव किया था. तब झामुमो के महासचिव सह सरकार के समन्वय समिति के सदस्य विनोद पांडेय ने कहा था कि रघुवर सरकार की गलत नीतियों की वजह से इनकों परेशानी हो रही है. तत्कालीन सरकार ने बिना नियमावली बनाए इंसेंटिव की व्यवस्था देकर झूठी वाहवाही लूटी थी. लेकिन उनकी सरकार टेट पास पारा शिक्षकों और पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवकों की मांग को लेकर गंभीर है. लेकिन इतना दिन गुजरने के बाद भी कुछ नहीं होने पर पंचायत सचिवालय सेवकों ने आपा खो दिया और नंग धड़ंग प्रदर्शन कर सरकार तक बात पहुंचाने की कोशिश की.