14 मई से झारखंड में पंचायत चुनाव, जानिए कितने चरणों में होंगे मतदान - झारखंड न्यूज
14 मई से चार चरणों में झारखंड में पंचायत चुनाव होंगे. राज्यपाल रमेश बैस ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी है. जल्द ही राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कराने का औपचारिक ऐलान करेगा.
Panchayat elections in Jharkhand in four phases from May 14
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Published : Apr 9, 2022, 3:16 PM IST
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Updated : Apr 9, 2022, 4:07 PM IST
रांची: राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचयात चुनाव कराने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. त्रिस्तरीय पंचायत निकायों के ग्राम पंचायत सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के निर्वाचन के लिए कुल चार चरणों 14 मई, 19 मई, 24 मई एवं 27 मई, 2022 को चुनाव होंगे.
झारखंड में पंचायत चुनाव: राज्य के 24 जिलों के 264 प्रखंडों में होनेवाले पंचायत चुनाव में कुल ग्राम पंचायतों की संख्या 4345 है. वही ग्राम पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की कुल संख्या 53 हजार 479 है. यदि ग्राम पंचायत के मुखिया के निर्वाचन की कुल संख्या की बात करें तो 4345 है. वहीं, पंचायत समिति के क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की कुल संख्या 5341 है और जिला परिषद के क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की कुल संख्या 536 है. इन पदों के लिए जल्द ही राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कराने का औपचारिक ऐलान करेगा. मतदान बैलेट पेपर के जरिए कराने की तैयारी है, जिसके कारण मतगणना में समय लगेगा.
जानिए किस चरण में कहां कहां होगा मतदान
चरण
तारीख
जिला
मुखिया
जिला परिषद
पहला चरण
14 मई 2022
21
1127
146
दूसरा चरण
19 मई 2022
16
872
103
तीसरा चरण
24 मई 2022
19
1047
128
चौथा चरण
27 मई 2022
23
1299
159
आयोग मतगणना के दौरान होने वाली परेशानी और स्ट्रांग रूम की सुरक्षा पर भी राज्य सरकार के अधिकारियों से पूर्व में ही बैठक कर चूकी है. गौरतलब है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दिसंबर 2020 में होना था. पहले राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद खाली होने के कारण चुनाव नहीं हो सका फिर कोरोना के कारण चुनाव लटकता चला गया. ऐसे में सरकार ने पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अब तक दो बार एक्सटेंशन देकर किसी तरह काम चला रही थी.
पहली बार 2010 में हुए पंचायत चुनावःराज्य में पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना काफी जद्दोजहद के बाद 2010 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद हुई. तत्पश्चात 2015 में भी चुनाव कराकर गांव की सरकार बनाई गई. उस समय से अब तक पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि अधिकारों की मांग को लेकर आंदोलन करते रहे हैं. सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा अब तक जो अधिकार पंचायतों को दिए भी गए हैं वो भी औपचारिक अधिक हैं.