रांची: झारखंड सरकार ने प्रदेश में पान-मसाला की बिक्री, भंडारण, विनिर्माण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार के निर्देश के अनुसार 11 अलग-अलग ब्रांड के पान मसाला को 12 महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया है. झारखंड पान-मसाला पर प्रतिबंध लगाने वाला देश का तीसरा राज्य है.
झारखंड में पान मसालों पर पूरी तरह बैन, एक साल तक बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर रोक - Paan Masala Banned in Jharkhand
17:44 May 08
झारखंड सरकार ने पान मसाला की बिक्री, भंडारण, विनिर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया. राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त ने जन स्वास्थ्य के हित में 11 ब्रांड के पान मसाला को 12 महीने के लिए प्रतिबंधित किया. विभिन्न जिले से संग्रहित 41 पान मसाला के नमूनों के जांच में प्रतिबंधित मैग्नीशियम कार्बोनेट पाया गया.
दरअसल, विभिन्न जिले से संग्रहित 41 पान मसाला के नमूनों के जांच में प्रतिबंधित मैग्नीशियम कार्बोनेट पाया गया है. मैग्निशियम कार्बोनेट से हृदय की बीमारी सहित अनेक तरह की गंभीर बीमारी होती है.
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक में दिए गए निर्देश के मद्देनजर राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने राज्य के 11 ब्रांडों के पान मसाला (रजनीगंधा, विमल, शिखर, पान पराग, दिलरुबा, राजनिवास, सोहरत, मुसाफिर, मधु, बहार, पान पराग प्रीमियम) पर प्रतिबंध लगा दिया है.
पान मसाला के लिए फूड सेफ्टी एक्ट 2006 में दिए गए मानक के मुताबिक मैग्नीशियम कार्बोनेट मिलाया जाना प्रतिबंधित है. इसलिए जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह प्रतिबंध फिलहाल एक वर्ष के लिए लगाया गया है.
झारखंड में तंबाकू नियंत्रण हेतु राज्य सरकार की तकनीकी सहयोग संस्थान सोसिओ इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलोपमेन्ट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र ने बताया कि पान मसाला पर प्रतिबंध लगाकर राज्य सरकार ने एक साहसिक कदम उठाया है. दीपक मिश्रा ने कहा कि GATS 2(ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे) के सर्वे में झारखंड में तंबाकू सेवन करने वाले लोगों का प्रतिशत 38.9% है. जिसमें चबानेवाले तंबाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 34.5% है, जो राष्ट्रीय औषत से बहुत ज्यादा है. सरकार द्वारा यदि पान मसाला के प्रतिबंध को राज्य में सही ढंग से लागू किया जाएगा तो सूबे में तंबाकू सेवन करने वालों के प्रतिशत में और कमी आएगी.
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