रांची:राज्य सरकार ने इस वर्ष धान की पैदावार कम होने के बाबजूद धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य पिछले वर्ष की तरह 8 लाख मेट्रिक टन रखी है. 15 दिसंबर से झारखंड में धान खरीद की शुरुआत हुई है (Paddy Purchasing from farmers in Jharkhand). झारखंड सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने धान क्रय अधिप्राप्ति योजना की शुरुआत ऑनलाइन माध्यम से की है. इस दौरान रांची सहित राज्य के विभिन्न जिलों से ऑनलाइन जिला आपूर्ति पदाधिकारी जुड़े हुए थे.
ये भी पढ़ें:झारखंड में धान खरीद की शुरुआत, आठ लाख टन धान खरीदने का है लक्ष्य
धान अधिप्राप्ति लान्चिंग के मौके पर विभागीय सचिव हिमानी पांडे, एसएफसी के निदेशक यतीन्द्र प्रसाद, अवर सचिव सतीश चंद्र चौधरी मुख्य रूप से उपस्थित थे. 2022-23 के लिए आठ लाख मैट्रिक टन धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है. इस मौके पर मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि किसानों को एमएसपी का फायदा पहुंचाना है. बाजार में किसान अपना अनाज नहीं पहुंचा पाते हैं और प्रतिस्पर्धा में वह कहीं टिकते भी नहीं हैं. उनके अनाज की बहुत कम कीमत मिलती है. किसानों से 14-15 सौ रुपये क्विंटल व्यापारी धान खरीदते हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान होता है. एमएसपी का लाभ किसानों को मिल जाए इसके लिए हम उन्हें 2050 रुपये क्विंटल कीमत देते हैं यानि 500 रुपये ज्यादा. हर साल 15 दिसंबर को सरकार इस योजना की शुरुआत करती है. सभी डीएसओ और फील्ड ऑफिसर से आग्रह किया गया है कि पिछले साल जिस प्रकार 97% लक्ष्य पूरा किया गया था इस बार भी निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना है. 226 प्रखंड सूखाग्रस्त है, धान इस बार कम हुआ है इसलिए लक्ष्य कम करने की भी जरूरत है जैसा कि डीएसओ ने आग्रह किया है.
वर्ष | लक्ष्य |
---|---|
2017-18 | 40 लाख क्विंटल |
2018-19 | 40 लाख क्विंटल |
2019-20 | 30 लाख क्विंटल |
2020-21 | 60 लाख 85 हजार क्विंटल |
2021-22 | 8 लाख मैट्रिक टन |
2022-23 | 8 लाख मैट्रिक टन |