रांचीः झारखंड सरकार ने 31 मार्च तक धान खरीदने का समय सीमा निर्धारित किया गया है. इस समय सीमा के भीतर 8 लाख टन यानी 80 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य है. राज्य में 15 दिसंबर 2021 से धान खरीद शुरू की गई और 14 मार्च यानी तीन माह बीतने के बाद सिर्फ 51 लाख 34 हजार क्विंटल ही धान की खरीदारी हो सकी है. अब 16 दिनों में 30 लाख क्विंटल धान खरीदना मुश्किल लग रहा है. इस स्थिति में सरकार की चिंता बढ़ हुई है.
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आंकड़ों के मुताबिक अभी तक राज्य में किसानों को एमएसपी पर धान बेचने के लिए 402422 मैसेज किए गए है. 2.61 निबंधित किसानों में से 99,046 किसानों ने धान बेचा है. राज्य सरकार ने इस वर्ष हर प्रखंडों में स्थित लैम्प्स में 677 धान क्रय केंद्र बनाया है. इन केंद्रों पर साधारण धान का मूल्य 2050 रुपये और ग्रेड ए धान की कीमत 2070 रुपये निर्धारित किया है.
इस साल धान प्राप्त करते समय ही किसान को धान की कीमत का 50 प्रतिशत भुगतान करने का निर्णय लिया है. शेष राशि 3 महीने के भीतर भुगतान किया जाएगा. इसके बाबजूद धान खरीद अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रहा है. धीमी रफ्तार की वजह निबंधित किसानों से अधिकतम 200 क्विंटल धान खरीद ही करना है. इसके साथ ही नये किसानों को निबंधन में भी विलंब हो रहा है. इसके साथ ही लाल कार्डधारी किसानों से अधिकतम 80 क्विंटल ही धान खरीदने का आदेश है. इस निर्णय के कारण किसान के पास धान रहने के बावजूद लैम्प्स तक नहीं पहुंच रहा है.