रांचीः झारखंड सरकार ने 15 दिसंबर से राज्य में धान क्रय केंद्र शुरू कर दिया है. विधिवत धान क्रय केंद्र के शुरू होने के 10 दिन पूरे होने जा रहे हैं. लेकिन अभी तक रांची जिले में ही इसमें तेजी नहीं आयी है. ज्यादातर धान क्रय केंद्रों पर सन्नाटा दिखता है तो कहीं कहीं इक्का दुक्का गाड़ी में धान लेकर क्रय केंद्र पहुंचे किसान दिख जाते हैं.
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Paddy Procurement: झारखंड में धान क्रय की रफ्तार धीमी, धान क्रय केंद्र पर सन्नाटा, गोदाम में दिखती हैं चंद बोरियां
झारखंड में धान क्रय की शुरुआत हो चुकी है. लेकिन ज्यादातर किसानों को इसकी जानकारी ही नहीं. धान खरीद की रफ्तार भी काफी धीमी है. कई केंद्र तो अभी खुल ही रहे हैं.
राजधानी में क्रय केंद्र का हाल जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने कांके धान क्रय केंद्र का जायजा लिया तो वहां कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नहीं दिखा, दो-चार किसान यह पता लगाने जरूर आये थे कि धान क्रय हो रहा है या नहीं. गोदाम में गिनती के कुछ बोरे धान पड़े हुए थे जो यह बता रहे थे कि धान खरीद शुरू होने की औपचारिकता यहां भी पूरी कर ली गयी है और उसके बाद धान खरीद शायद बंद है. धान क्रय केंद्र अरसंदे के पास के गांव से कुछ युवा किसान यह पता लगाने जरूर आये थे कि धान क्रय हो रहा है या नहीं ? युवा किसानों ने बताया कि अभी तक उनके गांव में धान क्रय को लेकर कोई मैसेज मोबाइल पर नहीं आया है. धान क्रय के लिए पिठोरिया में भी एक केंद्र खोलना है पर अभी तक वह शुरू नहीं हो सका है. इसी तरह नामकुम धान क्रय केंद्र की स्थिति थोड़ी अच्छी जरूर है पर वहां भी धान क्रय की रफ्तार धीमी ही है.
एक ओर जहां सरकारी धान क्रय केंद्र पर धान क्रय की रफ्तार धीमी है तो दूसरी ओर कई गांव से यह जानकारी मिलती है कि बिचौलिए गांव गांव जाकर 1200-1400 रुपये क्विंटल में धान खरीद रहे हैं.