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धान खरीद की तैयारी में जुटी झारखंड सरकार, जानिए कहां बेच सकेंगे धान

झारखंड में धान की पैदावार इस साल बंपर होने की उम्मीद के चलते राज्य सरकार ने झारखंड में धान खरीद की तैयारियां (paddy procurement in jharkhand ) तेज कर दी हैं. इसके लिए धान कहां बेचा जा सकेगा, उसका दाम कितना होगा, भुगतान कितना होगा इसको तय कर दिया गया है.

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Published : Oct 27, 2021, 11:06 AM IST

Updated : Oct 27, 2021, 11:24 AM IST

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धान खरीद की तैयारी में जुटी झारखंड सरकार

रांची: इस वर्ष धान की बंपर पैदावार होने की संभावना है. यही वजह है कि राज्य सरकार ने भी पिछले खरीफ फसल वर्ष की तुलना में इस बार धान खरीद का लक्ष्य बढ़ा दिया है. वहीं पिछले साल की परेशानियों से सबक लेते हुए उनके निदान के लिए व्यवस्था में बदलाव भी किए हैं. धान खरीद में बिचौलियों की भूमिका पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने इस वर्ष किसी एक किसान के नाम से अधिकतम 200 क्विंटल धान खरीद का फैसला किया है. इसके अलावा पिछले वर्ष के अनुभव से सीख लेते हुए सरकार ने राज्य के सभी जिलों में किसानों से लैम्पस के माध्यम से सीधे धान खरीदने का निर्णय लिया है. इसके अलावा पंजीकृत किसानों से ही खरीद का निर्णय लिया गया है. इसके लिए जल्द ही पंजीकरण प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है.

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इसके अलावा पिछले वर्ष के अनुभव से सीख लेते हुए सरकार ने राज्य के सभी जिलों में किसानों से लैम्पस के माध्यम से सीधे धान खरीदने का निर्णय लिया है. वित्त एवं खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि 15 दिसंबर से धान खरीद शुरू की जाएगी. उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार ने वर्ष 2021-22 में खरीफ फसल चक्र के दौरान राज्य के किसानों से आठ लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करने का लक्ष्य तय किया है.

धान खरीद की तैयारी में जुटी झारखंड सरकार

आधा दाम हाथों-हाथ

खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि पिछले वर्ष एफसीआई की मांग पर चतरा, गढ़वा और पलामू में खरीद की गई थी, जिसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है.राज्य सरकार ने इससे सीख लेते हुए इस वर्ष सभी 24 जिलों में किसानों से धान खरीदेगी. धान खरीदारी के नियमों और दरों को राज्य मंत्रिपरिषद की मंजूरी प्राप्त हो गई है. सरकार का लक्ष्य है कि धान उत्पादक किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले. इसके अलावा राज्य सरकार धान खरीदते वक्त ही किसानों को पचास फीसदी मूल्य दे देगी और शेष पचास फीसदी राशि तीन महीने में दी जाएगी. इसके लिए पैसों की व्यवस्था हो गई है.

केंद्र के समर्थन मूल्य पर राज्य का बोनस


खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने कहा कि एक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल धान की खरीदारी सरकार की ओर से की जाएगी. यह सीमा इसलिए तय की गई है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को सरकारी समर्थन मूल्य पर फसल विक्रय का लाभ प्राप्त हो सके. धान खरीदारी की दरें भी तय कर दीं गईं हैं. साधारण धान के लिए 2050 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए किस्म के लिए 2070 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों को भुगतान कराया जाएगा. इस राशि में केंद्र द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य और राज्य सरकार की ओर से दिया जाने वाला बोनस दोनों शामिल है. प्रत्येक प्रखंड में धान प्राप्ति केंद्र बनाने और वहां समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दे दिया गया है.

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लैम्पस में तैयारी शुरू

इधर राज्य सरकार की ओर से लिए गए निर्णय के बाद राज्य के सभी प्रखंड स्थित लैम्पस को धान अधिप्राप्ति केन्द्र बनाया गया है, जहां किसान धान बेच सकते हैं. इन लैम्पस पर सिर्फ निबंधित किसान ही धान बेच सकते हैं.नामकुम लैम्पस के मैनेजर नीरज कुमार ने तैयारियां पूरी होने का दावा करते हुए कहा कि सरकार के निर्देशानुसार किसानों के लिए सारी सुविधाएं यहां मुहैया कराई जाएंगी. फिलहाल 15 दिसंबर से धान अधिप्राप्ति की संभावना है.

पिछले साल से बढ़ा खरीद का लक्ष्य


खरीफ के पिछले फसल चक्र में राज्य सरकार ने 6 लाख टन (60 लाख क्विंटल)धान खरीद का लक्ष्य तय किया था, जबकि इस लक्ष्य के विरुद्ध 103 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल करते हुए सरकार ने 62 लाख क्विंटल धान खरीदा. अब इस साल 8 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदारी का लक्ष्य तय किया गया है.

Last Updated : Oct 27, 2021, 11:24 AM IST

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