रांचीः देश भर में बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैककर्मी हड़ताल पर हैं. सरकार की नीतियों के खिलाफ बैंककर्मी 3 दिन हड़ताल पर रहेंगे. आज हड़ताल का दूसरा दिन है. झारखंड में भी बैंककर्मी हड़ताल पर हैं. राज्य के अनेक शहरों में बैकों में ताले लटके रहे हैं. इसके कारण लोगों को काफी परेशानी हुई. बैंक कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए निजीकरण को रद्द करने की मांग की. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की अपील पर बैंक कर्मी व पदाधिकारी हड़ताल पर रहे. इस दौरान बैंकों में ताले लटके रहे. बैंकों के बंद रहने के कारण बैंकिग कार्य पूरी तरह ठप रहा.
बोकारो में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
बोकारो में सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मी हड़ताल दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे. सेक्टर 4 स्थित बैंक ऑफ इंडिया और एसबीआई मेन ब्रांच के पास सभी बैंक कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
इस दौरान बैंक कर्मी निजीकरण के विरोध में हाथ में तख्ती और टी-शर्ट पहन कर इसका विरोध करते दिखाई दिए. बैंक यूनियन के नेताओं का कहना है कि सरकार अगर दो दिवसीय हड़ताल पर बैंकों के निजीकरण पर अपना फैसला वापस नहीं लेती है, तो इससे बड़ा आंदोलन करने को हम लोग बाध्य हो जाएंगे.
बैंक यूनियन के नेताओं का कहना है कि सरकारी योजनाओं को सबसे अधिक जमीनी स्तर पर उतारने के लिए हम सभी सरकारी बैंक कर्मी सरकार के साथ खड़े रहते हैं, लेकिन इसके विपरीत केंद्र सरकार सरकारी बैंकों को ही निजीकरण करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हम उस सभी निजीकरण का विरोध करते हैं जो सरकार कर रही है.
जामताड़ा में निकली रैली
जामताड़ा में हड़ताली बैंक कर्मचारियों ने रैली निकाली और विरोध प्रदर्शन कर निजीकरण का विरोध किया . हड़ताली बैंक कर्मचारियों ने रैली निकालकर विरोध जताया.
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों का निजीकरण किए जाने के विरोध में पूरे देश भर में बैंक यूनियन द्वारा बुलाई गई राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल को लेकर जामताड़ा में व्यापक असर रहा.
दूसरे दिन बैंक में कामकाज ठप रहा. बैंक कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में शहर में रैली निकाली और बैंकों के सामने विरोध प्रदर्शन किया और निजीकरण का पुरजोर विरोध किया.
दूसरे दिन भी बैंक में ताला लटके रहे. बैंक में कोई कामकाज नहीं हुआ. बैंक के कर्मचारियों ने कोई काम नहीं किया. नतीजा आम लोगों को जरूरी कामकाज नहीं हो पाया.आम लोगों की काफी परेशानी उठानी पड़ी.
2 दिन के राष्ट्रव्यापी बैंक के हड़ताल को लेकर जामताड़ा में व्यापक असर देखा गया है. इन 2 दिन के बैंक के हड़ताल के कारण करीब 200 करोड़ के नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है .
क्या कहते हैं हड़ताली बैंक कर्मचारी