रांचीःझारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन सदन में स्पीकर की ओर से बीजेपी विधायक अमर बाउरी के कार्यस्थगन प्रस्ताव को खारिज करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस प्रकरण में बीजेपी विधायक सीपी सिंह के साथ-साथ आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने आपत्ति जाहिर की है.
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बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि सदन में विधानसभा अध्यक्ष की ओर से भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है. उन्होंंने कहा कि अमर बाउरी सदन में लगातार स्पीकर से समय की मांग कर रहे थे. लेकिन, अमर बाउरी को कार्यस्थगन प्रस्ताव पढ़ने नहीं दिया गया. स्पीकर को निष्पक्ष होकर काम करना होता है, जो सदन में नहीं दिखा. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि सत्ता पक्ष से पूछ-पूछकर समय दिया जा रहा था तो अमर बाउरी को कार्यस्थगन के लिए समय क्यों नहीं दिया गया. यह न्यायसंगत कार्य नहीं है.
क्या कहते हैं विपक्ष के नेता विधानसभा जनता का सदन
आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि जो आज घटना घटी, वह नहीं होना चाहिए. इसका ख्याल रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि विधानसभा जनता का सदन है और सदन का समय जनता के हित में लगना चाहिए. उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि अपने अभिभाषण में जनता के हित की बात कह रहे हैं, लेकिन धरातल पर दिख नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि नियोजन नीति पर चर्चा हो रही है, लेकिन नियोजन किसका. यह तय नहीं हो पाया है.
क्यों रोये अमर बाउरी
सदन में स्पीकर की ओर से कार्यस्थगन प्रस्ताव खारिज किए जाने से आहत अमर बाउरी रोते हुए सदन से बाहर निकले. उन्होंने स्पीकर पर आरोप लगाते हुए कहा कि शायद दलित होने के कारण उनकी उपेक्षा की गई है. अमर बाउरी ने रोते हुए कहा कि मैं भी पूर्व मंत्री और कई बार विधायक रहा हूं. मेरी भी मर्यादा है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने जिस तरह से व्यवहार किया, उससे काफी आहत हूं. उन्होंने कहा कि सुबह से कार्यस्थगन पढ़ने के लिए आग्रह कर रहे थे, लेकिन स्पीकर नजरअंदाज करते रहे. स्पीकर की ओर से नियमों का उल्लंघन किया गया है. भोजनावकाश के बाद भी स्पीकर से कहा, तो मुझसे बुरा बर्ताव करते हुए कार्यस्थगन पढ़ने से रोक दिया.