झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

Caste Census in Jharkhand: झारखंड के नेताओं की जातिगत जनगणना को लेकर क्या है राय, इस रिपोर्ट में जानिए

झारखंड में भी जातिगत जनगणना की मांग होती रही है. बिहार सरकार द्वारा रिपोर्ट जारी होने के बाद राज्य में इसकी मांग और भी तेज हो रही है. हालांकि बिहार की जनगणना रिपोर्ट को लेकर सबके अलग-अलग विचार हैं.

Nishikant Dubey and Sudesh Mahato
निशिकांत दुबे और सुदेश महतो

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 3, 2023, 1:58 PM IST

रांचीः बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जारी कर दी गई है. रिपोर्ट आने के बाद सियासी गलियारे में तरह-तरह की चर्चा हो रही है. बिहार सरकार ने कहा कि अब इस रिपोर्ट के आधार पर सभी जातियों के विकास के लिए काम किया जाएगा. वहीं झारखंड के नेताओं की भी इस जनगणना को लेकर अपनी-अपनी राय है.

ये भी पढ़ेंः बिहार के बाद झारखंड में भी जातीय जनगणना की उठी मांग, सरकार के सहयोगी दल कांग्रेस हुई मुखर

आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो ने बिहार की तरह झारखंड में भी जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग की है. उन्होंने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार से सवाल पूछा है कि अभी तक जातिगत जनगणना की प्रक्रिया शुरू क्यों नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा है कि झारखंड में भी जातगित जनगणना की जरुरत है.

वहीं गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने इस जनगणना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना करा कर पिछड़े वर्ग के साथ अन्याय किया है. उन्होंने कहा है कि रिपोर्ट के अनुसार 18 फीसदी आबादी मुस्लिम की है. मुस्लिम धर्म जाति को नहीं मानत है. एसटी और एससी की आबादी 22 फीसदी और 16 फीसदी जनसंख्या सवर्ण जाति की है. रिपोर्ट के मुताबिक केवल 45 फीसदी आबादी पिछड़े वर्ग की है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को पिछड़े वर्ग में शामिल कर मुस्लिम धर्म के सिद्धांतों को बलि दी जा रही है.

गौरतलब है कि झारखंड में भी लगातार जातिगत जनगणना की मांग उठती रही है. तमाम दलों के नेता जातिगत जनणना की मांग कर चुके हैं. राज्य सरकार भी इसे लेकर सकारात्मक बात करती रही है. अब देखने वाली बात है कि सरकार इस दिशा में कब तक पहल करती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details