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रांची सदर अस्पताल में आंत का जटिल ऑपरेशन, 85 साल के बुजुर्ग की बची जान - रांची सदर अस्पताल

पलामू के रहने वाले आदित्यनाथ पाठक के पेट में फंसी आंत का जटिल ऑपरेशन रांची सदर अस्पताल में किया गया. ऑपरेशन की सफलता से 85 वर्षीय मरीज की जान बच गई गई.

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रांची सदर अस्पताल में आंत का जटिल ऑपरेशन

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Published : Jun 26, 2021, 2:39 PM IST

रांची: पलामू के रहने वाले आदित्यनाथ पाठक के पेट में फंसी आंत का जटिल ऑपरेशन रांची सदर अस्पताल में किया गया. ऑपरेशन की सफलता से 85 वर्षीय मरीज की जान बच गई गई. इस सफलता से चिकित्सकों में उत्साह का माहौल है.

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दरअसल, पलामू के आदित्यनाथ पाठक के पेट में 10 दिनों से दर्द हो रहा था और धीरे-धीरे उनका पेट फूलता जा रहा था. उन्होंने पलामू के डॉक्टर से जांच कराई तो अल्ट्रासाउंड में पेट में इन्फेक्शन की बात कही गई और उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया गया. रांची में मरीज के परिजनों ने डॉक्टर अलख नारायण मिश्रा से संपर्क किया जिन्होंने उन्हें तुरंत ही सदर अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर अजीत कुमार से इलाज कराने की सलाह दी. मरीज की हालत को देखते ही डॉक्टर अजीत ने परिजन को तुरंत ही सदर अस्पताल में भर्ती कराया और रिम्स भेज कर अर्जेंट सीटी स्कैन करवाया. जिसमें पता चला कि मरीज की बड़ी आंत फंस गई है, जिसे 'Sigmoid Volvulus' कहा जाता है. इस बीमारी में मरीज की आंत फूलती ही जा रही थी. मरीज की गंभीर अवस्था और ज्यादा उम्र को देखते हुए डॉ. अजीत ने अत्यधिक रिस्क पर मरीज के ऑपरेशन का निर्णय लिया जिसमें नियमानुसार परिजनों की सहमति भी ली गई.

3 घंटे तक चला यह जटिल ऑपरेशन
लगभग 3 घंटे के जटिल ऑपरेशन में मरीज की सड़ी हुई बड़ी आंत काटकर हटा दी गई और पेट के रास्ते ही मल का रास्ता बना दिया गया जिसे एंड कोलोस्टॉमी(END COLOSTOMY) कहते हैं. मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए उसे 3 बोतल खून भी चढ़ाया गया. डॉ. अजीत ने बताया कि यह ऑपरेशन निश्चित रूप से काफी जटिल था लेकिन फिलहाल मरीज की स्थिति सामान्य है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. वहीं इस ऑपरेशन के सफल होने के बाद झारखंड का स्वास्थ्य महकमा इसे बड़ी उपलब्धि मान रहा है.

निजी अस्पतालों में काफी खर्चीला होता है यह ऑपरेशन
निजी अस्पतालों में इस तरह के ऑपरेशन काफी खर्चीले होते हैं, जो कि झारखंड के गरीब लोगों के लिए संभव नहीं हो पाता. कई बार पैसे के अभाव में इस तरह के ऑपरेशन नहीं होने से कई मरीजों की जान भी चली जाती है.

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