रांची:झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के डॉक्टरों ने जटिल से जटिल ऑपरेशन कर कई लोगों को जीवन दान दिया है. अब एक बार फिर रिम्स से एक अच्छी खबर आ रही है, जहां एक नहीं बल्कि दो-दो बड़े सर्जरी को सफल बनाकर डॉक्टरों ने नया कीर्तिमान रचा है. पहला ऑपरेशन म्यूकर माइकोसिस (RHINO OCULO CEREBRAL MUCORMYCOSIS) से संक्रमित एक मरीज का है, जिसकी स्थिति काफी नाजुक थी. वहीं दूसरी हार्ट सर्जरी थी.
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म्यूकर माइकोसिस संक्रमित मरीज का ऑपरेशन: रिम्स के ईएनटी विभाग ने मंगलवार को अस्पताल में भर्ती म्यूकर माइकोसिस से संक्रमित एक मरीज का सफल ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दान दिया. डॉक्टरों ने बताया मरीज की स्थिति काफी नाजुक थी, वह RHINO OCULO CEREBRAL MUCORMYCOSIS से बुरी तरह पीड़ित था. पहले वह जमशेदपुर के टीएमएच अस्पताल में भर्ती था, जहां से डॉक्टरों ने मरीज की गंभीर स्थिति देखते हुए उसे रिम्स रेफर कर दिया था. मरीज के मुंह और जबड़े के अंदर पूरी तरह से ब्लैक फंगस का इंफेक्शन फैल गया था.
रिम्स में ऑपरेशन करते डॉक्टर डॉक्टर ने बताया कि मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए रिम्स ने मल्टी डिसीप्लिनरी मेडिकल बोर्ड (multi-disciplinary medical board) का गठन कर सभी जांच प्रक्रिया को पूर्ण किया और ईएनटी विभाग के चिकित्सकों ने ऑपरेशन को सफल बनाया. मरीज के इस जटिल ऑपरेशन को ईएनटी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जाहिद खान और उनकी टीम ने सफल बनाया. ऑपरेशन के बाद मरीज को आईसीयू में रखा गया है, जहां सुपरस्पेशलिटी आईसीयू के इंचार्ज डॉ. शिव प्रिये ने बताया कि मरीज की स्थिति फिलहाल समान्य है.
महज 2 घंटे में हार्ट सर्जरी:रिम्स के कार्डियक सर्जन राकेश चौधरी और उनकी टीम ने महज 2 घंटे में 28 वर्षीय महेंद्र की हार्ट सर्जरी की. दरअसल, धनबाद के रहने वाले महेंद्र पिछले कई दिनों से हृदय रोग से ग्रसित था. इलाज के लिए वह रिम्स के सुपर स्पेशलिटी विभाग में आया जहां पर सीटीवीएस डिपार्टमेंट के चिकित्सक डॉ. राकेश चौधरी ने उसका ऑपरेशन किया. डॉ. राकेश चौधरी ने बताया कि मरीज की स्थिति काफी गंभीर थी, वह कुछ दिन पहले ही दो बार कोरोना से संक्रमित हो चुका था, ऐसी स्थिति में उसका ऑक्सीजन लेवल भी काफी कम था. लेकिन रिम्स में उपलब्ध संसाधन और स्वास्थ्य कर्मचारियों के सहयोग से उसका ऑपरेशन सफल रहा.
मरीज महेंद्र बताते हैं कि झारखंड का रिम्स अस्पताल और उसमें कार्यरत चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी गरीब मरीजों के लिए भगवान हैं. अगर वह सही समय पर रिम्स अस्पताल नहीं पहुंचते तो शायद आज वह जीवित नहीं होते. रिम्स का सीटीवीएस विभाग अत्याधुनिक संसाधनों से लैस है साथ ही यहां पर देश के अनुभवी चिकित्सक मौजूद है. यही वजह है कि हृदय से ग्रसित गंभीर मरीजों को इसका सीधा लाभ मिल पा रहा है.