रांची: झारखंड में तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. कोरोना पॉजिटिव होने पर सामान्य लक्षण के बावजूद लोग अस्पतालों में भर्ती होना चाह रहे हैं. इसकी वजह से बेड को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि अस्पतालों में सिर्फ गंभीर रोगियों को ही भर्ती किया जाना चाहिए, ताकि उनकी जान बचाई जा सके. स्वास्थ्य विभाग के सचिव केके सोन ने होम आइसोलेशन में इलाजरत संक्रमितों को समय पर चिकित्सीय परामर्श मिले और उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा सके, इसे ध्यान में रखते हुए होम आइसोलेशन एडवाइजरी जारी की है. जिला उपायुक्तों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह होम आइसोलेशन में इलाजरत मरीजों को गाइडलाइन की कॉपी उपलब्ध करवाएं.
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किस तरह के मरीज रहेंगे होम आइसोलेशन में
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी एडवाइजरी के मुताबिक वैसे सभी संक्रमित, जिनमें कोविड-19 का कोई लक्षण ना हो या फिर जो एसिंप्टोमेटिक हों, लेकिन वैसे मरीज जो एचआईवी, ऑर्गन ट्रांसप्लांट या किसी गंभीर बीमारी से पहले से ग्रसित हों उन्हें होम आइसोलेशन में नहीं रहना है. एसिंप्टोमेटिक मरीजों को swaraksha.nic.in पोर्टल पर खुद को रजिस्टर कराना है, ताकि 104 टोल फ्री मेडिकल हेल्पलाइन से उनके स्वास्थ्य के स्टेटस की जानकारी ली जा सके. 60 साल से ज्यादा उम्र के वैसे लोग जो अलग-अलग तरह की बीमारियों से पहले से ग्रसित हैं, उन्हें डॉक्टरों द्वारा जांच के बाद ही होम आइसोलेशन में रहना है. होम आइसोलेशन में रहते हुए अगर कोई संक्रमित अगर क्वॉरेंटाइन गाइडलाइन का उल्लंघन करते पाया जाएगा तो उसके खिलाफ एपिडेमिक एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई होगी.