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हेमंत सरकार के एक साल, कहीं हुआ बेहतर तो किसी को आज भी आस

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार का एक साल पूरा हो रहा है. युवा मुख्यमंत्री से प्रदेश की जनता को काफी उम्मीद थी, लेकिन सरकार बनते ही कोरोना ने दस्तक दे दी, जिससे सभी विकास कार्यों पर विराम लग गया. हालांकि सरकार ने महामारी के दौर में खेल के क्षेत्र में बेहतर कार्य किए हैं, लेकिन मनोरंजन के क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हो पाया है.

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हेमंत सरकार के एक साल

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Published : Dec 22, 2020, 7:57 AM IST

रांची: हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. यूपीए गठबंधन की सरकार ने बहुमत के साथ झारखंड में अपना कार्यभार संभाला था और अब इस सरकार के एक साल पूरे हो रहे हैं. सरकार गठन के तीन महीने बाद ही कोरोना महामारी का प्रकोप पूरे देश के साथ-साथ झारखंड पर भी पड़ा और इसके बाद सरकार जिस गति से काम करना चाहती थी, उस गति पर थोड़ा विराम जरूर लगा है. इसके बावजूद खेल के क्षेत्र में इस सरकार ने कुछ उपलब्धियां जरूर हासिल की हैं, लेकिन मनोरंजन के क्षेत्र में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है.

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एमएसडी के लिए 2020 रहा उतार-चढ़ाव भरा
साल 2020 झारखंड के लिए काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. हेमंत सरकार के एक साल में खेल और मनोरंजन की दुनिया में कई बेहतरीन काम होने को लेकर अपेक्षाएं थी, युवा मुख्यमंत्री से भी लोगों की आस थी की यह सरकार इस साल में खेल के क्षेत्र में कई नई उपलब्धियां लेकर सामने आएगी. वहीं मनोरंजन जगत से जुड़े लोग भी इस आस में थे कि उनके लिए भी यह साल कुछ अच्छा होगा, लेकिन मार्च महीने में कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा और कई योजनाएं धरातल पर अब तक नहीं उतर सकी. क्रिकेट जगत के महानतम खिलाड़ी रांची के राजकुमार महेंद्र सिंह धोनी 15 अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. झारखंड के साथ-साथ महेंद्र सिंह धोनी के लिए भी साल 2020 काफी उतार-चढ़ाव भरा साबित हुआ. बता दें एमएसडी ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच वर्ल्ड कप 2019 सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था और उसके बाद से ही वो क्रिकेट में कुछ खास नहीं कर पा रहे थे. लॉकडाउन के कारण महेंद्र सिंह धोनी मार्च से आईपीएल के घोषणा तक रांची में ही रहे और अपने घर पर ही समय बिताया. मैदान से दूर महेंद्र सिंह धोनी ने आखिरकार 2020 के 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला लिया. इंस्टाग्राम पर भावुक वीडियो के जरिये उन्होंने खेल प्रेमियों को यह संदेश दिया था.

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खेल के क्षेत्र में कुछ कदम बढ़ा इस वर्ष
सरकार गठन के बाद भले ही कोरोना का प्रकोप झारखंड में मार्च के बाद से ही छाया रहा. कई योजनाओं को धरातल पर नहीं उतारा जा सका. इसके बावजूद हेमंत सरकार ने खेल के क्षेत्र में कुछ सराहनीय काम किया है. सरकार का इस क्षेत्र में सबसे बड़ी उपलब्धि है कि 8 अक्टूबर 2020 को मुख्यमंत्री के हाथों प्रोजेक्ट भवन में जेपीएससी के ओर से नवनियुक्त जिला खेल पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाना. राज्य के 23 जिले में खेल पदाधिकारियों की गई है, जिसमें महिलाओं को भी शामिल किया गया. उस दौरान सीएम ने कहा था की सरकार बनने के बाद खेल की दिशा में लगातार चिंतन किया जा रहा है और इस क्षेत्र में वह बेहतर करने की कोशिश करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि सीधी नियुक्ति मामला भी क्लियर कर दिया गया है. खेल कोटे से नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर योजना तैयार कर ली गई है. झारखंड के खिलाड़ियों के लिए खेल कोटे से सीधी नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर आवेदन मांगे गए हैं. इस साल हेमंत सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि यह भी है कि मुख्यमंत्री और गठित कमेटी की ओर से खेल के विकास को लेकर खेल नीति बनाकर तैयार कर लिया गया है. झारखंड गठन के 20 साल बाद एक बेहतरीन खेल नीति बनकर तैयार है, जो हेमंत सरकार का 2020 के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है, लेकिन इस साल खेल स्टेडियमों का बंटाधार हुआ है. राज्य के बड़े-बड़े खेल स्टेडियम बदहाली का रोना रो रहा है. खेल जगत से जुड़े लोगों का कहना है कि करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए खेल स्टेडियम और इंफ्रास्ट्रक्चर का देखरेख हुआ ही नहीं है.



मनोरंजन जगत के लिए वर्ष 2020 बुरा सपना से कम नहीं
कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण मनोरंजन जगत में यह सरकार एक भी कदम आगे नहीं बढ़ सकी है. मनोरंजन क्षेत्र से जुड़े लोगों की साल 2020 में दयनीय हालत बनी हुई है. लॉकडाउन के वजह से इनका आर्थिक सोर्स बिल्कुल ही बंद हो गया. कहीं भी कोई आयोजन कलाकारों के लिए नहीं हुआ. झारखंड के कलाकार अभी भी भुखमरी के कगार पर हैं. उन्हें किसी भी तरीके का सहायता सरकार की ओर से नहीं दी गई. मनोरंजन के क्षेत्र में कई योजनाएं बनाई गई, लेकिन उन योजनाओं को यह सरकार धरातल पर उतारने को लेकर विफल रही. स्थानीय कलाकारों को पूरा 1 साल बेरोजगार बैठना पड़ा. इनके लिए साल 2020 एक बुरा सपना जैसा रहा. इनकी मानें तो 2020 कलाकारों के लिए अभिशाप रहा, ना तो सरकार की ओर से कोई ध्यान दिया गया और ना ही इनके सहयोग के लिए कोई हाथ ही आगे बढ़ा.

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