रांची:भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के ग्रामीण जिला अध्यक्ष जीतराम मुंडा की हत्या के मुख्य आरोपी मनोज मुंडा के ऊपर रांची पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. हत्याकांड के बाद से ही मुख्य आरोपी मनोज मुंडा फरार चल रहा है. भाजपा नेता की हत्या की पूरी प्लानिंग मनोज मुंडा ने ही रची थी. इसके लिए उसने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निवासी कांट्रैक्ट किलर बाबू साहेब और डब्ल्यू यादव के जरिए जीतराम की हत्या कराई थी. इस बात का खुलासा रांची पुलिस की जांच में हुआ था.
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जारी हुआ पोस्टर
हत्या के बाद फरार चल रहे मनोज मुंडा की गिरफ्तारी के लिए रांची पुलिस ने उसका पोस्टर भी जारी किया है. पोस्टर में लिखा गया है कि ओरमांझी थाना कांड संख्या 159 /21 के प्राथमिक अभियुक्त और कुख्यात अपराधकर्मी मनोज मुंडा घटना को अंजाम देकर घटना के दिन से ही फरार है. इस अपराध कर्मी की सूचना देने वाले व्यक्ति को एक लाख का इनाम दिया जाएगा. सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाएगा. मनोज मुंडा के बारे में सूचना देने के लिए रांची के सीनियर एसपी, ग्रामीण एसपी, डीएसपी सिल्ली और थाना प्रभारी ओरमांझी का नंबर भी पोस्टर में जारी किया गया है. बता दें कि 22 सितंबर को ओरमांझी में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
मनोज मुंडा पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है. यूपी से गिरफ्तार हो चुके हैं शूटर
रांची पुलिस ने भाजपा नेता की हत्या मामले में शूटर डब्ल्यू यादव को गाजीपुर से और रांची के इरबा से कार्तिक मुंडा को गिरफ्तार कर लिया था. जीतराम मुंडा की हत्या के बाद एसएसपी के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया था. गठित एसआईटी मोबाइल लोकेशन के आधार पर गाजीपुर गई. पुलिस के आने की खबर डब्ल्यू को मिल गई थी. जैसे ही पुलिस पहुंची, वह भागने लगा. करीब दो किलोमीटर पीछा करने के बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया. पूछताछ में आरोपी ने पुलिस के समक्ष अपना जुर्म स्वीकार किया है. ग्रामीण एसपी नौसाद आलम के अनुसार मनोज मुंडा के पकड़े जाने के बाद ही हत्या के कारण और सुपारी की रकम के बारे में खुलासा होगा. अभी भी मुख्य आरोपी मनोज मुंडा, बाबू साहेब और रतन बेदिया पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. पुलिस इन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है.
दिल्ली में बाबू साहेब ने मिलकर की थी प्लानिंग
अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि जेल से छूटने के बाद मनोज मुंडा दिल्ली फरार हो गया था. वहां उसकी मुलाकात गाजीपुर के कांट्रैक्ट किलर बाबू साहेब से हुई. उसके साथ बैठकर उसने जीतराम मुंडा की हत्या की प्लानिंग की. बाबू साहेब 19 सितंबर को मनोज के साथ रांची आ गया. उसके घर पर ही रहने लगा. इसी क्रम में बाबू साहेब ने गाजीपुर के शूटर डब्ल्यू यादव से संपर्क किया. उसने उससे कहा कि एक व्यक्ति की हत्या करनी है. इस एवज में उसे अच्छी रकम मिलेगी. उसने पांच हजार रुपए उसके भाई का खाते में डाल दिया. इसके बाद डब्ल्यू बस से रांची पहुंचा. कार्तिक उसे 21 की सुबह बस स्टैंड से लेकर ओरमांझी स्थित घर लाया. मनोज, बाबू साहेब और डब्ल्यू ने पूरी प्लानिंग की. इसके बाद ओरमांझी चौक पर आयोजित पुतला दहन कार्यक्रम में डब्ल्यू को कार से कार्यक्रम स्थल ले जाया गया जहां पर जीतराम की पहचान कराई गई.
22 सितंबर की शाम पुतला दहन कार्यक्रम से लौटकर जीतराम अपने दोस्त भाजपा नेता राजकुमार के साथ ओरमांझी के पालू स्थित आर्यन होटल में बैठकर चाय पी रहा था. इसकी जानकारी मिलने के बाद एक बाइक में डब्ल्यू यादव और बाबू साहेब होटल के दूसरे छोर स्थित सड़क किनारे बाइक से पहुंचा. वहीं, दूसरी बाइक से मनोज और रतन बेदिया भी वहां पर पहुंचे. डब्ल्यू पिस्टल लेकर सड़क पार कर होटल में गया और जीतराम को पीछे से पिस्टल सटाकर गोली दाग दी. इसके बाद वह दौड़ते हुए सड़क पार किया. फिर चारों अलग-अलग बाइक से ओरमांझी चौक पहुंचे. डब्ल्यू ने मनोज को पिस्टल दी. इसके बाद डब्ल्यू और बाबू साहेब बस से बनारस भाग निकले.