रांचीःझारखंड में ओमीक्रोन का कोई संक्रमित अभी नहीं मिला है. लेकिन दूसरे राज्यों से झारखंड में लोगों की आवाजाही के मद्देनजर इसका खतरा बढ़ रहा है. इसके बाद भी झारखंड में कोरोना जांच में तेजी नहीं लाई जा सकी है. यह हाल तब है जब कुछ समय पहले ही स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्यसचिव अरुण कुमार सिंह ने कोरोना टेस्ट बढ़ाने के निर्देश दिए थे. हालांकि अभी निर्देशों का पालन शुरू नहीं हो पाया है.
ओमीक्रोन का बढ़ रहा खतरा फिर भी तेज नहीं हुई कोरोना जांच, 18 हजार सैंपल की रिपोर्ट पेंडिंग - ओमीक्रोन वैरिएंट झारखंड
झारखंड में ओमीक्रोन का कोई संक्रमित अभी नहीं मिला है. हालाकि दूसरे राज्यों से खुली आवाजाही होने से खतरा बरकरार है. लेकिन झारखंड में कोरोना जांच में तेजी नहीं आ सकी है. झारखंड में कोरोना जांच की ताजा स्थिति यह है कि अभी 18 हजार से अधिक सैंपल की जांच रिपोर्ट पेंडिंग है.
बता दें कि आजकल राज्य में रोजाना बमुश्किल 35 से 40 हजार सैम्पल का कोरोना जांच हो रहा है. इनमें से करीब 18 हजार सैंपल की रिपोर्ट तक काफी समय से नहीं आ सकी है. झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने जल्द से जल्द सैम्पल की जांच के लिए राज्य में पांच मोबाइल सैम्पल टेस्टिंग वैन PPP मोड पर चला रखा है. लेकिन इसके बावजूद जांच व्यवस्था पिछड़ी हुई है.
ओमीक्रोन वैरिएंट के कुछ लक्षण
चिकित्सकों का कहना है कि ओमीक्रोन वैरिएंट के शिकार शख्स में सामान्यतः थकान और कमजोरी की समस्या रहती है. इसके अलावा गले में खराश की समस्या भी नजर आ रही है. इसके अलावा कुछ संक्रमितों को शरीर में दर्द और रात में पसीने की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है.