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कोरोना की वजह से बढ़ रही मनोरोगियों की संख्या! मन को स्थिर रखने के लिए क्या कहते हैं मनोचिकित्सक - संगीत थेरपी से मनोचिकित्सा

कोरोना महामारी का साइड इफेक्ट हर किसी पर पड़ा है. इसका सबसे ज्यादा असर इंसानी दिल और दिमाग पर पड़ा है. कोरोना से मानसिक तनाव में लोग आ गए. तरह तरह की चिंताएं मन में घर कर गयीं. इस कोरोना के कारण मनोरोगियों की संख्या बढ़ी है. झारखंड में कोरोना की वजह से मनोरोगियों की संख्या बढ़ रहे हैं. इसके लिए क्या कुछ उपाय है, जानने के लिए पढ़ें ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

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मनोरोगियों की संख्या

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Published : Jan 21, 2022, 5:43 PM IST

Updated : Jan 21, 2022, 7:25 PM IST

रांचीः कोरोना से मानसिक तनाव में लोग आ रहे हैं. इसकी वजह से संक्रमण जैसी बीमारियों के अलावा मनोरोगियों की संख्या बढ़ रही है. झारखंड में कोरोना की वजह से मनोरोगियों की संख्या बढ़ रही है. कोरोना ने मनोरोगियों की संख्या बढ़ा दी है इसको लेकर मनोचिकित्सकों का कहना है कि कोरोना ने लोगों को मानसिक स्तर पर भी आघात पहुंचाया है. मनोरोगियों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है. मानसिक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की वजह से लोग शारीरिक रूप से तो बीमार हो ही रहे हैं लेकिन कई लोग मानसिक रूप से भी बीमार हो रहे हैं.

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कोरोना के कारण मनोरोगियों की संख्या बढ़ी है. महामारी में लोगों के मन में कई तरह की चिंताएं घर कर गयी हैं. एक तरफ संक्रमण के प्रसार का खतरा, उसपर आम आदमी की माली हालत, ऐसे में लोग इस दौर में मानसिक आघात का शिकार हो रहे हैं. रांची के प्रसिद्ध मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक प्रसाद ने बताया कि कोरोना की वजह से लोगों की चिंताएं बढ़ रही हैं. क्योंकि कोरोना लोगों के दिनचर्या को बदल दिया. कई लोगों के व्यवसाय और उनकी आय के साधन समाप्त हो गए, जिस वजह से लोग मानसिक चिंताओं से गुजर रहे हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

पीड़ित ने बताया कि कोरोना की वजह से मानसिक बीमारी से ग्रसित मरीजों की बढ़ोतरी हुई है. उनके घर में भी जो लोग पूरी तरह से फिट थे वह भी कोरोना कि कारण मानसिक रूप से बीमार हो गए. ऐसे में योग, व्यायाम, पूरी नींद और संगीत थैरेपी से भी लोगों की मानसिक बीमारी को दूर किया जा सकता है. मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक प्रसाद बताते हैं कि अगर व्यक्ति पूरी नींद ना ले वह दिनभर चिंता से ग्रसित रहे तो ऐसे में उसे मानसिक रूप से गुजरना पड़ सकता है.

सदर अस्पताल में कार्यरत साइकोलॉजिस्ट नाजिया हसन बताती हैं कि जब लोगों को आर्थिक संकट या फिर पारिवारिक उलझन आते हैं तो वह नकारात्मक सोच की ओर जाने लगते हैं. जिस वजह से कई बार आत्महत्या या फिर आत्महत्या की कोशिश भी ऐसे लोग करने लगते हैं. ऐसी परिस्थिति में योग, संगीत और मनोरोगियों के लिए मनोचिकित्सकों का सलाह काफी मायने रखता है. कई मनोचिकित्सकों का कहना है कि मन रोगियों की चिंता को दूर करने में संगीत का अहम योगदान है. संगीत थैरेपी के माध्यम से कई बार हम लोग कई मानसिक रूप से बीमार लोगों को ठीक करने का काम करते हैं. संगीत थैरेपी को लेकर मनोचिकित्सक डॉक्टर अशोक प्रसाद बताते हैं कि यह लोगों की चिंताओं को दूर करता है और अगर लोग दिनभर किसी भी अवसाद से ग्रसित है तो थोड़ी देर के संगीत में ही उसका अवसाद खत्म हो सकता है.

Last Updated : Jan 21, 2022, 7:25 PM IST

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